मंत्री गिरिराज सिंह का ‘पद्मावती’ के डायरेक्टर भंसाली को चैलेंज, किसी और धर्म पर फिल्म बनाकर दिखाओ
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर उठ रहे विवाद में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं. गिरिराज सिंह ने रविवार को कहा कि 'संजय लीला भंसाली या फिर किसी भी फिल्मकार में हिम्मत नहीं है कि वह किसी अन्य धर्म पर आधारित फिल्म बनाए या उनके बारे में टिप्पणी करे.'
November 5, 2017 1:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर उठ रहे विवाद में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं. गिरिराज सिंह ने रविवार को कहा कि ‘संजय लीला भंसाली या फिर किसी भी फिल्मकार में हिम्मत नहीं है कि वह किसी अन्य धर्म पर आधारित फिल्म बनाए या उनके बारे में टिप्पणी करे.’ सिंह ने आगे कहा, ‘वे लोग हिंदू गुरुओं, भगवानों और योद्धाओं पर ही फिल्म बनाते हैं, हम अब इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते.’
इससे पहले केंद्रीय मंत्री और एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने भी फिल्म को लेकर खुला खत जारी किया था. इस खत में उमा भारती ने अलाउद्दीन खिलजी को एक व्यभिचारी हमलावर बताया था. भारती ने कहा, खिलजी की रानी पद्मावती पर बुरी नजर थी, जिसकी वजह से उसने चित्तौड़ नष्ट कर दिया. उमा भारती ने फिल्म को लेकर उठ रहे विवाद पर फिल्म की प्री-स्क्रीनिंग की मांग कर डाली, जिससे रिलीज से पहले यह विवाद हल हो सके. हालांकि इस खत में उमा भारती ने संजय लीला भंसाली की अभिव्यक्ति की आजादी का भी समर्थन किया.
Does Sanjay Bhansali or anyone else have guts to make films on other religions or comment upon them?: Union Min Giriraj Singh on #Padmavatipic.twitter.com/fvc3HiLxb8
खत में उमा भारती ने मौजूदा समय में लड़कियों के साथ हो रही छेड़खानी पर भी अपनी बात रखी. उमा भारती ने लिखा कि आज भी लड़कियों के चेहरों पर तेजाब फेंकने वाले उन्हें खिलजी के वंशज ही लगते हैं. उमा भारती ने ट्विटर पर सुझाव दिया कि क्यों न रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार और आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर एक कमेटी बनाए और वह इस पर रिलीज से पहले फैसला करें. उन्होंने लिखा, ‘मेरा निवेदन है कि ‘पद्मावती’ को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए.’
गौरतलब है कि गुजरात में भी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर बवाल मचा हुआ है. राजपूत समाज ने फिल्म से विवादित सीन हटाने की बात कहते हुए पहले उनके समुदाय के प्रतिनिधियों को फिल्म दिखाए जाने की मांग की है. उन्होंने राज्य सरकार (बीजेपी) को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो राजपूत समाज का एक भी वोट बीजेपी को नहीं पड़ेगा. वहीं बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने भी ‘पद्मावती’ से विवादित सीन हटाने, फिल्म की प्री-स्क्रीनिंग कराने या फिर गुजरात में फिल्म को रिलीज नहीं करने की मांग की है.