नई दिल्ली: फिरोज गांधी के अफेयर के इतने किस्से अलग-अलग लोगों ने उछाले हैं कि ये बस फीरोज गांधी को पता था और या फिर उस लेडी को जिसका नाम उनके साथ जुड़ता था कि सच्चाई क्या है. एम ओ मथाई अपनी बुक में लिखते हैं कि इंदिरा गांधी अपनी साड़ियों को जब किसी और महिला को पहने देखती थीं, तो वो सुलग जाती थीं. मथाई ने ही लिखा है कि एक बार तो फिरोज इंदिरा की बुआ विजय लक्ष्मी पंडित की लड़की के ही काफी करीब आ गए थे. दरअसल उन दिनों इंदिरा तो पिता नेहरू के साथ दिल्ली में रहती थीं और फिरोज बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर परिवार का अखबार नेशनल हेराल्ड लखनऊ में संभालते थे. उसी ऑफिस में विजय लक्ष्मी की पंडित की बेटी भी बतौर जर्नलिस्ट काम करती थीं, रिश्ते में फिरोज की साली थीं, बीवी से दूर साली के करीब थे फिरोज तो अफेयर की अफवाहें लखनऊ की फिजाओं से उड़ती हुई पहले दिल्ली और फिर मास्को में विजय लक्ष्मी पंडित तक जा पहुंची.
ये खबरें सुनकर वो पहली फ्लाइट से ही भारत आईं और बेटी को अपने साथ मास्को ही ले जाकर मानीं. ‘रेमनिसन्सिज़ ऑफ द नेहरू एज’ किताब के मुताबिक कमला की फिरोज ने इतनी सेवा की फिर भी वो कतई नहीं चाहती थीं कि फिरोज से इंदिरा की शादी हो. तो कैथरीन फ्रैंक ने अपनी किताब ‘द लाइफ ऑफ इंदिरा गांधी’ में लिखा है कि कैसे ऑल इंडिया रेडियो में काम करने वाली एक नेपाली तलाकशुदा महिला से फिरोज के रिश्ते थे. साथ में तारकेश्वरी सिन्हा, सुभद्रा जोशी, महमूना सुल्तान कई लोगों से उन्होंने फिरोज के रिश्ते बताए हैं. फिरोज का अंतिम संस्कार तीन मूर्ति भवन से ही हुआ. इस दिन का एक अनोखा किस्सा इंदिरा गांधी की एक बायोग्राफर कैथरीन फ्रैंक ने लिखा है कि फिरोज की लाश पर फिरोज की कई गर्लफ्रेंड्स को रोते देख इंदिरा एकदम खामोश हो गईं, ये अजीब स्थिति थी. ये वजह थी या कोई और लेकिन उसके बाद इंदिरा के घर की दीवारों पर कभी भी फिरोज की कोई तस्वीर नहीं दिखी. तो सच क्या है और झूठ क्या, ये जिनको पता था, वो राज अपने सीने में दफन किए दुनियां से चले गए. लेकिन ये झूठी-सच्ची कहानियां हमेशा जिंदा रहेंगी.
फिरोज शादी से पहले अपने एक वामपंथी दोस्त से इंदिरा को मिलाने ले गए तो उसने फीरोज से एक ऐसा सवाल कि वो शर्मिंदा ही हो गए, और इंदिरा भौचक, कौन था वो दोस्त और क्या सवाल था उसका? जानने कि लिए देखिए ये वीडियो