जब गुस्से में इंदिरा गांधी से फिरोज गांधी ने कहा – तुम फासिस्ट हो
ऐसा नहीं है कि इंदिरा को ही फिरोज से परेशानी हो और डालमियां की गिरफ्तारी, फाइनेंस मिनिस्टर का इस्तीफा औऱ एमओ मथाई के इस्तीफे ही दोनों के बिगड़ते रिश्ते की वजहें हों. कुछ और भी मामले थे और इंदिरा की भी कुछ बातें फिरोज को पसंद नहीं थीं.
November 4, 2017 1:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: ऐसा नहीं है कि इंदिरा को ही फिरोज से परेशानी हो और डालमियां की गिरफ्तारी, फाइनेंस मिनिस्टर का इस्तीफा औऱ एमओ मथाई के इस्तीफे ही दोनों के बिगड़ते रिश्ते की वजहें हों. कुछ और भी मामले थे और इंदिरा की भी कुछ बातें फिरोज को पसंद नहीं थीं. जिसमें आखरी कील ठोक दीं इंदिरा ने केरल में पहली कम्युनिस्ट सरकार को गिराकर. फिरोज लेफ्ट विचारों की तरफ झुके थे, लंदन में भी वो कम्युनिस्टों के संपर्क में थे और भारत मे भी उनके कई कम्युनिस्ट दोस्त थे. ऐसे में जब केरल की पहली सरकार भारत में बनी तो वो काफी खुश थे. लेकिन इंदिरा कांग्रेस के अलावा किसी और पार्टी की सरकार बनते देख हैरान थीं.
इधर इंदिरा गांधी 1959 में कांग्रेस की प्रेसीडेंट बन चुकी थीं. केरल सरकार के एक बिल को लेकर उन्होंने विरोध जताना शुरू कर दिया. ये एक एजुकेशन बिल था, जिसके बारे में इंदिरा का मानना था कि इससे निजी एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स तो खत्म ही हो जाएंगे. नेहरू ने सरकार गिराने से काफी मना किया, लेकिन उन्हें झुकना पड़ा. जैसे फिरोज को इंदिरा की इस जिद का पता चला तो वो भी काफी नाराज हुए औऱ इंदिरा से उनके घर पर आकर खूब झगड़े, इतना ही नहीं फिरोज ने इंदिरा को फासिस्ट तक कह डाला, इससे इंदिरा और ज्यादा उखड़ गईं. लेकिन इंदिरा तो सरकार गिराकर ही मानीं, दोनों के बीच इस बात से काफी दरार आ गई.
इंदिरा के कई करीबियों ने बाद में कहा भी कि इंदिरा बिलकुल तलाक लेने के मूड में आ चुकी थीं, लेकिन एक दिन ऐसा आया कि इंदिरा और फीरोज वापस से करीब आ गए. जब इंदिरा नेहरू के साथ भूटान दौरे पर थीं तो उन्हें खबर मिली कि फीरोज को हर्ट अटैक आया है, इंदिरा फौरन वापस लौटीं. हालांकि ये पहला था औऱ उतना गम्भीर नहीं था, लेकिन इंदिरा ने फीरोज की काफी सेवा की. जब इंदिरा ने कांग्रेस प्रेसीडेंट की पोस्ट से इस्तीफा दिया तो तमाम छोटी वजहों के अलावा जो सबसे बड़ी वजह थी वो थी इंदिरा की किडनी में स्टोन. जिसका ऑपरेशन मुंबई में हुआ और उस दौरान पूरे वक्त फीरोज इंदिरा के साथ थे, तब तक जब तक इंदिरा ठीक नहीं हो गईं. जब केरल सरकार गिर गई और अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार भी बन गई तो उसके बाद इंदिरा एक वूमेन कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने त्रिवेन्द्रम गई हुई थीं.
वो लौटकर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी ही थीं कि उन्हें खबर मिली कि फीरोज को दूसरा हर्ट अटैक आया है और वो हॉस्पिटल में एडमिट हैं. इंदिरा फौरन हॉस्पिटल पहुंची लेकिन इस बार किस्मत भी साथ छोड़ गई थीं. फिरोज नहीं रहे और इस तरह से इंदिरा की जिंदगी से फीरोज हमेशा के लिए चले गए. फिरोज को पहले हर्टअटैक के बाद इंदिरा के रुख में क्या बदलाव आया, ये जानने के लिए जानने कि लिए देखिए ये वीडियो