जब-जब अंतराष्ट्रीय मंच से बोलते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, दुनिया को सुनाई देती है इस महिला की आवाज

नई दिल्ली: पीएम मोदी के भाषण की मुरीद तो पूरी दुनिया है. पीएम के हर भाषण में कुछ ना कुछ नया जरूर मिलता है. लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने की कला ही उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएम मोदी के भाषणों के पीछे किसकी आवाज होती है. चलिए आज हम आपको बताते हैं. तीन साल पहले संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का जोरदार भाषण तो आपके जहन में होगा जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच से आतंकवाद पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा था. उस दौरान आपको पीएम मोदी बोलते हुए सुनाई दे रहे थे लेकिन दुनिया जिसकी आवाज सुन रही थी वो थीं, गुरदीप चावला. जी हां, गुरदीप चावला पीएम मोदी के भाषण का अंग्रेजी में अनुवाद कर रही थीं और दुनिया गुरदीप चावला के माध्यम से पीएम मोदी का भाषण सुन रही थी.

न्यूयॉर्क में गुरदीप चावला ने लगातार पीएम मोदी के भाषण को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया. वो कहती हैं कि ‘ मैं उस रात सिर्फ दो घंटे के लिए सोई क्योंकि मुझे संयुक्त राष्ट्र जल्दी पहुंचना था. मैं पीएम मोदी के भाषण का हिंदी से अंग्रेजी में लाइव अनुवाद कर रही थी. मेरे लिए ये बहुत उत्साहजनक था. मेरी आवाज हर अंतराष्ट्रीय चैनल पर सुनाई दे रही थी जो इतिहास में दर्ज हो गया होगा.’ गुरदीप चावला इसके बाद पीएम मोदी के साथ 2014 में मेडिसन स्कवॉयर गार्डन के कार्यक्रम में भी थीं जहां पीएम मोदी ने करीब 18 हजार भारतीयों को संबोधित किया. गुरदीप चावला पीएम मोदी के साथ उन्हीं के विशेष विमान से वाशिंगटन गईं. वहां उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति ओबामा के बीच बातचीत का भी ट्रांस्लेशन किया.
दरअसल गुरदीप चावला 27 साल से भाषा अनुवादक हैं. उन्होंने 1990 में उनका चयन संसद में भाषा अनुवादक के तौर पर हुआ था. वहां उन्होंने 1996 तक काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी क्योंकि उनके पति की अमेरिका में नौकरी लग गई और उन्हें अमेरिका जाना पड़ा. गुरदीप याद करते हुए कहती हैं कि अनुवादक के तौर पर उनकी जो ट्रेनिंग संसद में हुई, वो किसी भी प्रोफेशनल स्कूल में सिखाई नहीं जा सकती. साल 2010 में बराक ओबामा की टीम ने उन्हें राष्ट्रपति ओबामा के पहले भारत दौरे के लिए बुलाया उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी द्वीपक्षीय मुलाकात होनी थी. आज गुरदीप कई हाई प्रोफाइल पॉलीटिकल मीटिंग में नजर आती हैं. पीएम मोदी, बराक ओबामा से लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडू की आवाज के पीछे भी गुरदीप की आवाज होती है.
गुरदीप चावला करती हैं कि भाषा अनुवादक के सामने सबसे बड़ा चैलेंज ये होता है कि उसे वर्ल्ड लीडर के भाषण पर 100 फीसदी फोकस करना पड़ता है और फिर उसी परिपेक्ष और अंदाज और टोन में रूपांतरित करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यहां कोई लाइफलाइन नहीं होती है. 
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