इंदिरा की मां के साथ किस युवक के पोस्टर चिपक गए थे इलाहाबाद की दीवारों पर ?

बहुत लोगों को नहीं पता कि फिरोज गांधी आखिर इंदिरा गांधी की जिंदगी में आए कैसे? अगर आपको ये पता चले कि फिरोज इंदिरा की जिंदगी से पहले इंदिरा की मां कमला की जिंदगी में आए तो आपके लिए हैरत भरा होगा. कमला नेहरू से फिरोज की पहली ही मुलाकात इतने दिलचस्प तरीके से हुई कि वो उनके दिल के करीब आ गए और कमला उन पर बेटे की तरह काफी भरोसा करने लगीं.

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इंदिरा की मां के साथ किस युवक के पोस्टर चिपक गए थे इलाहाबाद की दीवारों पर ?

Aanchal Pandey

  • November 3, 2017 4:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. बहुत लोगों को नहीं पता कि फिरोज गांधी आखिर इंदिरा गांधी की जिंदगी में आए कैसे? अगर आपको ये पता चले कि फिरोज इंदिरा की जिंदगी से पहले इंदिरा की मां कमला की जिंदगी में आए तो आपके लिए हैरत भरा होगा. कमला नेहरू से फिरोज की पहली ही मुलाकात इतने दिलचस्प तरीके से हुई कि वो उनके दिल के करीब आ गए और कमला उन पर बेटे की तरह काफी भरोसा करने लगीं.
 
दरअसल जैसे ही 6 अप्रैल 1930 को डांडी यात्रा के बाद गांधीजी ने समुद्र के पानी से नमक बनाकर वो काला कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन का श्रीगणेश किया, एक एक करके कांग्रेस के बड़े नेता गिरफ्तार होने लगे. 14 अप्रैल को जवाहर लाल नेहरू को भी सरकार ने गिरफ्तार करके 6 महीने के लिए अंदर भेज दिया. पूरे देश में एक लहर उठी और डिग्रियां वापस होने लगीं, नौकरियों से इस्तीफे होने लगे और विरोध प्रदर्शन भी होने लगे. इन दिनों कमला नेहरू की तबीयत थोड़ी ठीक थी, तो नेहरू परिवार की बाकी महिलाओं को लेकर इलाहाबाद में वो भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गईं.
 
ऐसे ही एक कार्यक्रम में जब कमला नेहरू प्रदर्शन में भाषण दे रही थीं, एक युवक उन्हें बाउंड्री वॉल पर बैठकर देख रहा था कि अचानक पुलिस ने उस प्रदर्शन पर धावा बोल दिया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, यूं तो फिरोज प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, लेकिन कमला पर लाठीचार्ज होते ही वो खुद को रोक नहीं पाए और दौड़कर कमला के पास आए. कमला को तो फिरोज ने बचा लिया लेकिन पुलिसवालों ने फिरोज को धरदबोचा. फिरोज को पुलिस हेडक्वार्टर ले जाया गया और जमकर पीटा भी गया. वो तो फिरोज की आंट डा. कमिशरियत इलाहाबाद के स्थानीय हॉस्पटील में डॉक्टर थीं, शहर की प्रतिष्ठित हस्ती थीं, तो उनके कहने पर फिरोज को छोड़ दिया गया.
 
फिरोज का परिवार ब्रिटिश सरकार समर्थक था, सो फिरोज के नेहरू परिवार से रिश्तों के खिलाफ था. फिरोज को उसकी आंट ने साफ मना कर दिया कि नेहरू परिवार से मेलजोल की जरूरत नहीं. लेकिन फिरोज का आनंद भवन में आना जाना शुरू हो गया. इंदिरा की मां कमला के पास. कमला को भी वो भला युवक लगा, कमला वैसे ही परिवार में उपेक्षित जैसी थीं, ऐसे में फिरोज का साथ उन्हें अच्छा लगा. इतना ही नहीं, शरारती तत्वों ने कमला और फिरोज के रिश्तों को लेकर इलाहाबाद में कुछ पोस्टर तक चिपका दिए थे. ऐसे में नेहरूजी ने क्या किया, जब उनको पता लगा कि एक युवा के साथ कमलाजी का नाम जोड़ा जा रहा है, जानने के लिए देखिए हमारा ये वीडियो शो, विष्णु शर्मा के साथ. ट
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