नई दिल्ली: इतिहास में इंदिरा गांधी आयरन लेडी के तौर पर जानी जाती हैं, तमाम अच्छे बुरे फैसलों को लेना और सख्ती से बिना दवाब के लागू करने में तमाम मर्द नेता भी अभी इंदिरा से पीछे हैं. लेकिन यही इंदिरा बचपन में कितनी शरारती थीं, इसे आप केवल इसी घटना से जान सकते हैं कि कैसे एक बार इंदिरा का मूड हुआ कि एक बेगम को बेहोश होते देखें, इसके लिए करनी पड़ी उन्हें एक जबरदस्त शरारत.
इंदिरा अक्सर काफी शरारतें भी किया करती थीं. अक्सर बंगले में लगे पेड़ों में छुप जातीं, कभी कभी तो उन पेड़ों पर चढ़कर छुप जातीं और सब उन्हें ढूंढ ढूंढ कर परेशान हो जाते. बाद में यही पेड़ उनके अकेलेपन के साथी भी बने. एक बार उनके दादा मोतीलाल नेहरू से मिलने किसी रियासत की बेगम आई हुईं. जब किसी बड़े खानदान की महिलाएं आया करती थीं तो इंदिरा की दादी स्वरूपा रानी वहां मौजूद रहती थीं, बेगमें तो डोली में आती थीं, कमरे में एक परदा खींच दिया जाता, जिसके पीछे वो बैठ जाती थीं.
जब वो बेगम परदे के पीछे से मोतीलाल से अपनी परेशानियां बांटने लगीं, अपने केस के बारे में विस्तार से बताने लगीं तो इंदिरा ने अचानक शोर मचाना शुरू कर दिया. तब बेगम परेशान हो गईं, बेगम ने कहा- नन्हीं इतना गुल ना मचा, मैं बेहोश हो जाऊंगी, मुझे घबराहट हो जाती है. इतना सुनना था कि इंदिरा ने और जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया. दरअसल इंदिरा ने किसी को कभी बेहोश होते नहीं देखा था, हमेशा सुना था, तो वो एक्सपेरीमेंट को मूड में थी कि लोग बेहोश कैसे होते हैं, ये देखा जाए. ये बात अपनी बायोग्राफी की लेखक को पीएम बनने के बाद बताई. लेकिन क्या इंदिरा उस बेगम को बेहोश होते लाइव देख पाईं या नहीं, जानने के लिए देखिए ये वीडियो