बचपन में इंदिरा गांधी ने क्यों बना ली अलग पार्टी ? आयरन लेडी का बचपन में पॉलिटिकल प्लान

जब इंदिरा बहुत छोटी थीं, तो घर में बड़े बड़े लोगों का आना जाना लगा रहता था, ऐसे में राजनीति मीटिंग्स हों या बडे बड़े क्लाइंट्स की मोतीलाल नेहरू के साथ मीटिंग्स इंदिरा हर जगह मौजूद रहती थीं. ऐसे में अकेले में वो भी नेता बनने की मोनो एक्टिंग करती रहती थीं.

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बचपन में इंदिरा गांधी ने क्यों बना ली अलग पार्टी ? आयरन लेडी का बचपन में पॉलिटिकल प्लान

Aanchal Pandey

  • November 1, 2017 2:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: जब इंदिरा बहुत छोटी थीं, तो घर में बड़े बड़े लोगों का आना जाना लगा रहता था, ऐसे में राजनीति मीटिंग्स हों या बडे बड़े क्लाइंट्स की मोतीलाल नेहरू के साथ मीटिंग्स इंदिरा हर जगह मौजूद रहती थीं. ऐसे में अकेले में वो भी नेता बनने की मोनो एक्टिंग करती रहती थीं. बहुत कम लोगों को पता है कि बचपन में ही इंदिरा ने एक पॉलटिकल पार्टी बना डाली थी और अपनी डायरी में कई रोज पहले से ही मिनट मिनट का प्लान लिख लेती थीं इंदिरा.
 
जब इंदिरा ने घर में इतना पॉलटिकल माहौल देखा तो पिता से गुजारिश की कि मुझे कांग्रेस का सदस्य बना दें, लेकिन नेहरूजी ने साफ इनकार कर दिया और कहा हम बच्चो को नहीं लेते हैं तो इंदिरा ने फिर अपने साथ के बच्चों के साथ मिलकर ही एक नई पार्टी बना डाली, जिसका नाम दिया वानर सेना. इंदिरा ने बाकायदा वानर सेना का इलाहाबाद के हर वार्ड में गठन किया, वो डायरी में सारा प्लान लिखने लगीं कि किसको पार्टी में शामिल करना है, किसके घर पर कितने बजे मीटिंग होनी है, प्रोटेस्ट कहां करना है आदि, इस वानर सेना की प्रेसीडेंट वो खुद थीं.
 

मोतीलाल नेहरू को जब इस वानर सेना के बारे में पता चला तो जेल से उन्होंने खत लिखकर अपनी नातिन को बधाई भरा पत्र भेजा और सुझाव दिया कि जब भी मौका मिले शीर्षासन करते रहना. जब इमरजेंसी की सलाह देने वाले सिद्धार्थ शंकर रे बचपन में चितरंजन दास के साथ मोतीलाल नेहरू से मिलने इलाहाबाद आए तो मोतीलाल ने उन्हें खेलने के लिए इंदिरा की एक डॉल दे दी. इंदिरा ने उससे वापस छीनना चाहा, थोड़ी देर बार इंदिरा के हाथ में डॉल का सर था और सिद्धार्थ के हाथों में उसका एक पैर. तब मोतीलाल ने रोती इंदिरा को एक छोटा सा चरखा दे दिया. जेल से मोतीलाल अपनी नातिन से इस चरखे के बारे में पूछते रहते थे कि उससे धागा तैयार करके भेजने को कहते थे. बाद में इंदिरा धागा कातना सीखा और ‘बाल चरखा संघ’ भी बना डाला. इस तरह इंदिरा ने बचपन में ही ये दो संगठन बना डाले थे वानर सेना औऱ बाल चरखा संघ. अगर आप इंदिरा गांधी की वो पर्सनल डायरी और उसमें वानर सेना का पूरा प्लान देखना चाहें तो इस वीड़ियो को जरूर देखें…
 

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