कमला नेहरू की नेहरू परिवार से क्यों नहीं बनी ? कौन था उनका अकेला साथी
मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद में इतने बड़े वकील बन गए कि उन्होने इलाहाबाद में 42 कमरों वाला घर आनंद भवन खरीद लिया, जिसमें बाग से लेकर स्विमिंग पूल तक सारी सुविधाएं थीं.
November 1, 2017 2:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद में इतने बड़े वकील बन गए कि उन्होने इलाहाबाद में 42 कमरों वाला घर आनंद भवन खरीद लिया, जिसमें बाग से लेकर स्विमिंग पूल तक सारी सुविधाएं थीं. तब जवाहरलाल सिर्फ 11 साल के थे. कम उम्र में ही कश्मीरी परिवार की लड़की कमला से शादी हो गई जवाहर लाल की. इतना बड़ा घर, इतना नामचीन खानदान, विदेश में पढ़ा पति, फिर भी कमला नेहरू उस घर में दुखी ही रहीं, आखिर वजह क्या थी ? ऐसे में केवल बेटी इंदिरा ही उनका अकेला सहारा थीं, वो भी पुणे या शांति निकेतन में जब पढ़ने चली जाती थीं, तो कमला अकेली पड़ जाती थीं.
जब दोनों नेहरू पिता पुत्र कांग्रेस में शामिल होकर देश की आजादी की लडाई लड़ने लगे तो मोतीलाल नेहरू ने वो घर कांग्रेस को दे दिया और उसका नाम कर दिया गया ‘स्वराज भवन’. उन्होंने एक नया और थोड़ा छोटा घर खरीदा, उसका नाम फिर से रख दिया गया आनंद भवन. दिलचस्प बात ये है कि घर का पश्चिमी हिस्सा मोतीलाल नेहरू के चार्ज में रहता था और पूर्वी हिस्सा उनकी पत्नी और हुजूर साहिबा स्वरूप रानी के चार्ज में. पश्चिमी हिस्सी में ऑफिस, लाइब्रेरी, स्टडी रूम आदि थे, और इस हिस्से में केवल अंग्रेजी बोली जा सकती थी, तो पूर्वी हिस्से में केवल हिंदी मे बात करने की अनुमति थी. इस घर में इंदिरा की मां कमला के अलावा उनकी स्वरूप रानी की बड़ी बहन वीबी अम्मा, उनकी बेटियां विजय लक्ष्मी पंडित और कृष्णा भी रहती थीं.
यानी परिवार में चार और महिलाएं, बाद में आ गईं उनकी बेटी इंदिरा भी. फिर भी कमला हमेशा निराश रहीं, दुखी रहीं, बीमारी तो उन्हें बड़ी थी ही. इंदिरा जब भी पुणे, शांति निकेतन या देश से बाहर भी पढ़कर छुट्टियों में वापस आतीं, मां को उदास देखतीं. आखिर क्यों रहती थीं वो उदास, पति की बेरुखी और दूरी के अलावा भी थी कोई वजह उदासी की जानने के लिए देखिए ये वीडियो