ममता बनर्जी के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया मोबाइल-आधार लिंक का विरोध, बताया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

आधार को अनिवार्य करने के मामले में ममता बनर्जी के बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसका विरोध जताया है. सुब्रमण्यम स्वामी मंगलवार तड़के ट्वीट कर एक बार फिर आधार मामलें पर सियासत तेज कर दी है. इससे पहले ममता बनर्जी खुल कर इसका विरोध कर चुकी है.

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ममता बनर्जी के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया मोबाइल-आधार लिंक का विरोध, बताया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

Admin

  • October 31, 2017 5:44 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. आधार को अनिवार्य करने के मामले में ममता बनर्जी के बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसका विरोध जताया है. सुब्रमण्यम स्वामी मंगलवार तड़के ट्वीट कर एक बार फिर आधार मामलें पर सियासत तेज कर दी है. इससे पहले ममता बनर्जी खुल कर इसका विरोध कर चुकी है. हाल में ही ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी जिसकी 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल उठाए थे और ममता बनर्जी को फटकार लगाई थी. 
 
आधार मामले पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया. इस ट्वीट में स्वामी ने आधार को अनिवार्य बनाने के मामले में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए लिखा कि वो जल्द प्रधानमंत्री को आधार विषय पर चिट्ठी लिखंगे, और उन्हें ये भी यकीन है कि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को खारिज कर देंगे. इसके बाद  सियासी हलकों में बहस तेज  हो गई है.
ममता बनर्जी ने किया था आधार अनिवार्यता का विरोध, दी थी चेतावनी
सीएम ममता बनर्जी ने खुली चेतावनी दी थी कि वह अपने मोबाइल को आधार से लिंक नहीं करेंगी, भले ही उनका फोन बंद क्यों न कर दिया जाए. ममता ने इसे जनता की प्राइवेसी पर हमला बताया था . दरअसल ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की एक मीटिंग के दौरान यह बात कही थी. ममता बनर्जी ने अपना नंबर आधार से लिंक न कराने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही आप अपना नंबर आधार से लिंक करेंगे, उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा.  घर में आप क्या खा रहे हैं. पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं. सब उन्हें पता चल जाएगा.’
 
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी ममता बनर्जी को फटकार
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के खिलाफ मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी. जब सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार की याचिका पर सवाल उठाए थें. कोर्ट ने कहा था, ‘संसद से पारित कानून को राज्य कैसे चुनौती दे सकता है?’ अगर सीएम को चुनौति देने है तो निजी या सामान्य नागरिक के तौर पर याचिका दायर करें. 
 

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