नई दिल्ली: 31 अक्टूबर के देश के पहले गृहमंत्री और ‘लौह पुरुष’ के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल आदर्श व्यक्तित्व के साथ-साथ निडर, साहसी और प्रखर इंसान थे. सरदार पटले ने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी देश को एक धागे में पिरोने की भरपूर कोशिश की. उन्होंने अपने जीवनकाल में देश के लिए कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए जिसे भूलाया नहीं जा सकता. सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 में नडियाद, गुजरात में एक कृषक परिवार में हुआ था. झवरेभाई पटेल और लाडबा देवी की चौथी संतान वल्लभ भाई पटेल ने लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई भी की थी और वापस आने के बाद कुछ दिनों तक इन्होंने अहमदाबाद में वकालत भी की थी लेकिन इन पर महात्मा गांधी के विचारों का इस कदर असर हुआ कि सब कुछ छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम को ही अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य मान लिया. स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान खेडा संघर्ष में रहा. गुजरात का खेडा उन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में था.
किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की. जब अंग्रेजों ने मांग स्वीकार नहीं किया तो सरदार पटेल, गांधीजी और अन्य लोगों ने मिलकर किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिए प्रेरित किया. अन्त में अंग्रेजी हुकूमत को झुकना पड़ा ओर उस वर्ष करों में राहत दी गई. इस तरह से सरदार वल्लभ भाई पटेल के ये शुरुआती दिन थे. सरदार पटले ही वे व्यक्ति थे जिन्होंने रियासतों को भारत में मिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. सरदार पटेल, पीवी मेनन के साथ मिलकर भारत की रियासतों को बहुत समझाया कि आजादी के बाद उन्हें स्वायत्तता देना संभव नहीं होगा. जिसके बाद तीन कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद को छोडकर शेष सभी राजवाडों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ और सरदार पटेल को देश का पहला गृहमंत्री बनाया गया. साथ में उप- प्रधानमंत्री भी बने. सरदार पटेल अपने जीवन काल में हर समय अन्याय के खिलाफ खड़े रहते थे. उन्हें जब भी मौका मिलता था वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में पीछे नहीं हटते थे.
केंद्र सरकार देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाएगी. जयंकी के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के पटेल चौक पर उन्हें श्रद्धांजिल देंगे. इसके साथ-साथ इस मौके पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन भी किया जाएगा. पीएम मोदी खुद इसकी शुरुआत करेंगे. इस मौके पर महिला क्रिकेटर मिताली राज, हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु मौजूद रहेंगी. इस अवसर पर दिल्ली के शाहजहां रोड स्थित नेशनल स्टेडियम सी- हेक्सागन से इंडिया गेट के डेढ़ किमी के दायरे में रन फॉर यूनिटी के तहत यह दौड़ आयोजित की जाएगी. इसके साथ-साथ सभी राज्यों में सरदार पटेल की जयंती के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. रेल मंत्रालय की ओर से 1,500 रेलवे स्टेशनों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे.