देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को इस वजह से कहा जाता है ‘लौह पुरुष’

31 अक्टूबर को 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. सरदार पटेल की जयंती पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाएगी. 31 अक्टूबर को देश में अलग-अलग जगहों पर 'रन फॉर यूनिटी' का भी आयोजन किया गया है.

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देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को इस वजह से कहा जाता है ‘लौह पुरुष’

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  • October 30, 2017 6:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः 31 अक्टूबर को ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. सरदार पटेल की जयंती पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाएगी. 31 अक्टूबर को देश में अलग-अलग जगहों पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का भी आयोजन किया गया है. ‘रन फॉर यूनिटी’ आयोजन का मकसद देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाना है. सरदार वल्लभ भाई पटेल को ‘लौह पुरुष’ भी कहा जाता है. देश को एकता के सूत्र में बांधने में सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है. अब आपको बताते हैं कि सरदार पटेल से जुड़ी कुछ खास बातें और वो एक बात जिसकी वजह से वह देश के ‘लौह पुरुष’ कहलाए.
 
– सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे. भारत की आजादी में उनका भी विशेष योगदान था.
 
– 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली और सरदार पटेल देश के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने. देश को एकसूत्र में बांधने के पैरवी सरदार पटेल अन्याय के घोर विरोधी थे. उन्हें जब भी मौका मिलता वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं चूकते थे.
 
– सरदार पटेल हमेशा एकता का संदेश देते थे. एकता का नारा देते हुए ही उन्होंने भारत देश जो अलग-अलग रियासतों में बटा हुआ था, उसे एक कर दिखाया.
 
– आजादी के बाद सरदार पटेल ने देश में करीब 562 रियासतों को एक कर दिया. जिसके बाद भारत एक संपूर्ण संप्रभुता वाला राष्ट्र बना. सरदार पटेल शायद दुनिया के ऐसे इकलौते शख्स होंगे, जिन्होंने किसी देश में फैली इतनी रियासतों को एक करने का साहस दिखाया.
 
– रियासतों के विलय और भारत के एकीकरण कराने की वजह से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के ‘लौह पुरुष’ कहलाए.
 
– देश की रियासतों को एक करने के लिए ‘लौह पुरुष’ सभी रियासतों में घूमे और हर रियासत के राजा के पास जाकर उनकी समस्याएं सुनीं. समस्याओं के निराकरण के बाद धीरे-धीरे कर उन्होंने सभी रियासतों को एक कर दिखाया और सूमचे देश में संप्रभुता कायम की.
 
– कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतों का विलय थोड़ा कठिन रहा था लेकिन सरदार पटेल ने अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए उनका भी भारत में विलय कराया. 9 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ के विलय के दौरान जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया था.
 
– सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय नागरिक सेवाओं (I.C.S) का भारतीयकरण किया और उन्हें I.A.S. के तौर पर पहचान दिलाई.
 
– सरदार पटेल की अद्भुत दक्षता और रियासतों के विलय पर किए गए कार्यों की वजह से ही महात्मा गांधी ने भी उनकी तारीफ की थी.
 
 

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