नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को 27 नवंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. कोर्ट ने हदिया के पिता को कहा कि वो हदिया को पेश करें. कोर्ट ने सवाल उठाया कि किसी बालिग को उसकी मर्जी के बिना किसी के पास कैसे रख सकते हैं? कोर्ट ने NIA से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है कि किसी अपराधी से साथ बालिग लडकी प्यार नहीं कर सकती या शादी नहीं कर सकती. हाईकोर्ट कैसे हैबियस कारपस याचिका पर शादी को शून्य करार दे सकती है. केरल लव जेहाद मामले में नया मोड़ आ गया है. हदिया के पिता अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि हदिया के कथित पति शफीन मानसी बुराक का दोस्त है, जिसके खिलाफ आतंकवादियों से रिश्ते होने के मामले में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की है. हदिया के पिता अशोकन ने अपनी याचिका में कहा है कि शफीन बुराक से लगातार संपर्क में था. इतना ही नही शफीन के फेसबुक पोस्ट इसका सबूत हैं कि मानसी बुराक की कट्टर सोच पर वो उसका समर्थन करता था. अशोकन ने ये भी कहा कि हदिया का कथित पति शफीन कट्टर मानसिकता का और उसके आतंकवादी संगठन से रिश्ते हैं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद केस को उस समय सुनने से इनकार कर दिया था जब हदिया के पति ने सुनवाई के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिया. हदिया के पति शफ़ीन के वक़ील दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हाल में हो केरल में रैली की है वो इस मुद्दे को उठा रहे है.
हदिया के पति शफ़ीन के वक़ील दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी केरल जिहाद का मामला उठाया था. जिस सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने हदिया के पति शफ़ीन के वक़ील दुष्यंत दवे को कहा था कि आप अपना केस खुद खराब कर रहे है. कोर्ट ने कहा कि हम आपको इस बात की इजाजत नही दे सकते क्योंकि उनका इस मामले से कोई संबंध नही है. कोर्ट ने साफ कहा कि ये मामला पूरी तरह कानूनी है. आपके बहस का ये तरीका स्वीकार नही. हमें बस ये तय करना है कि क्या हाई कोर्ट का शादी रद्द करने का फैसला सही था या नही. हालांकि कोर्ट ने कहा कि वो केवल कानून मसले पर सुनवाई करेंगे. इससे पहले केरल लव जिहाद मामले में तीन अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर इस पूरे मामले की NIA से जांच कराने की मांग की है. अर्जी में मांग की गई है कि उनको भी इस मामले में पक्ष बनाया जाए. एक अर्जी बिंदू संपत की तरफ से दाखिल की गई है, बिंदू संपत की बेटी निमिषा ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर मुस्लिम युवक से शादी की थी और 2016 से वो गायब है जब वो आतंकवादी संगठन ISIS जॉइन करने गए थी. दूसरी अर्जी महाराष्ट्र की रहने वाली सुमिता आर्या ने दाखिल की है जिन्होंने आरोप गया है कि उनके पिता और पति द्वारा ज़बरन धर्मांतरण करा कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया.
तीसरी अर्जी तीन वकीलों ने दायर की है शीला देवी, कीर्ति सोलोमन और विष्णु जयपालन. इन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि हदिया का धर्म परिवर्तन का मामला अकेला नही है ऐसे कई मामले में जहाँ धर्म परिवर्तन किया गया है , ऐसे में इस मामले की NIA से जांच कराई जाए. इससे पहले केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा है कि इस मामले में NIA जांच की जरूरत नही थी. केरल सरकार ने कहा कि इस मामले में हर पहलुओं पर केरल पुलिस की SIT ने जांच की थी. केरल सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा कि अखिला का धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने की भी जांच की है. इसके अलावा इस्लाम धर्म स्वीकार के करने के बाद जिन संस्थानों में हदिया ने इस्लाम धर्म की शिक्षा ली उस पहलू की भी जांच की है. केरल सरकार ने अपने हलफ़नामे में ये भी कहा कि उन सभी लोगों की जानकारी ली जिनसे हदिया ने मुलाकात की और हदिया किन किन जगहों पर लगी उस पहलू की भी जांच की है. हदिया के पति शफ़ीन और उसके पूरे परिवार के बैक ग्राउंड की भी जांच की गई.
वही पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि लडकी 24 साल की है उसे पिता द्वारा नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता ? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस बात को तय करेगा कि केरल हाईकोर्ट हेबियस कारपस की याचिका पर शादी को रद्द कर सकता है. वही हदिया के पति की तरफ से कहा गया था कि बीजेपी के दो मुस्लिम नेताओं ने हिन्दू लड़कियों से शादी की है क्या इसकी भी NIA से जांच कराई जाए. दरअसल हदिया के पति शफ़ीन जहाँ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA से कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 16 अगस्त को इस मामले की जांच NIA को दी थी. याचिका में पति ने आरोप लगाया है कि लड़की के परिवार वाले लड़की का उत्पीड़न कर रहे है.