मुंबई: विश्व में एक बड़े साइबर तूफान की आशंका बनी हुई है. एक नए ये तरह के रैनसमयवेयर का खतरा माने जा रहे रीपर बोटनेट वायरस को लेकर महाराष्ट्र साइबर सिक्योरिटी ने एक एडवाइजरी जारी की है. महाराष्ट्र सरकार ने इस एडवाइजरी में कहा है कि इस खतरनाक वायरस के बारे में सभी लोगों को पता होना चाहिए इसी को ध्यान में रख कर भारत में साइबर सुरक्षा को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी किया जा रहा है. रीपर नामक इस मालवेयर अब तक विश्व के 20 लाख डिवाइस को इफेक्ट कर चुका है और रोज 10 हजार के करीब डिवाइस को इफेक्ट कर रहा है. इसके खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अडवाइजरी जारी की है. सरकार ने लोगों से अलर्ट रहने के साथ-साथ अपने पुराने पासवर्ड को बदलने का सुझाव भी दिया है. सरकार ने कहा कि खतरा उन लोगों के लिए ज्याद है जो सीसीटीवी लगाए हैं और उसको अपने मोबाइल से अटैच किए हैं. सायबर एक्सपर्ट रीपर को अब तक का सबसे बड़ा सायबर अटैक माना जा रहा है.
विशेषज्ञों की मानें तो इससे सरकारी चीजों को ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है. रिपर एक साथ कई अटैक करता है. हैक किए गए डिवाइस के जरिए ही ‘बोटनेट’ दूसरे डिवाइस तक पहुंचता है और फिर उसे भी हैक कर लिया जाता है. क्योंकि इस तरह के कैमरा या दूसरे डिवाइस को हैकिंग से बचाने के लिए कारगर उपाय नहीं अपनाए जाते हैं, इसलिये ये आसान निशाना बन रहे हैं. नया बोटनेट में किसी भी सिस्टम को हैक करने की ऑटोमेटेड तकनीक है, जो तेजी से एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचकर उसे हैक कर लेती है और यूजर को कानों-कान इसकी खबर ही नहीं मिलती है.
क्या है रीपर?
दरअसल रीपर एक बोटनेट है जो कि हैकिंग तकनीकों का उपयोग कर आईओटी उपकरणों में को जबरन तोड़ने का काम करता है. जैसे की वायरलेस आईपी कैमरे और राउटर जो कि ज्यादा सेक्योर नहीं होते हैं उनको ये निशाना बना सकता है. महाराष्ट्र साइबर सिक्योरिटी ने बताया है कि हैकर्स मॉड्यूल की पूर्व निर्धारित सूचि के साथ-साथ आईटीओ उपकरणों की कमजोरियों की खोज करने वाले प्रोग्राम का उपयोग कर रहे हैं. बता दें कि पिछले साल ‘मीराई’ नामक एक अन्य बोटनेट ने अपने एडमिन पासवर्ड का अनुमान लगाते हुए उसे तोड़ने में सक्षम था. लेकिन रीपर में उससे भी एडवांस वर्जन का उपयोग को हैकिंग किया जा रहा है. इस सायबर सिक्योरिटी फर्म ने हफ्ते भर पहले ही आगाह किया था कि अब दुनिया पर नया सायबर हमला होने वाला है और ये पिछले सभी रैनसमवेयर वायरस से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
इफेक्टेड प्रोडक्ट?
महाराष्ट्र साइबर ऑफिस के अनुसार इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा राउटर को है जिनमें खासकर डी-लिंक, टीपी लिंक, नेटगेयर, लिंकसिस, मिक्रोटिक के साथ-साथ आई बेस्ड सर्विलांस सीसीटीवी कैमरा, वक्रोना, एवटेक, गोअहेड जैसे उपकरणों पर ज्यादा खतरा बना हुआ है.
बचने के लिए करें ये उपाय
इस वायरस से बचने के लिए अपने डिवाइस में सिक्योरिटी अपडेट करते रहे. इसके साथ-साथ स्ट्रॉंग पासवर्ड बनाए जिसको तोड़ना आसान न हो. पासवर्ड में स्पोशल कैरेक्टर रखें. कभी भी डिफाल्ट पासवर्ड ना रखें. अपने डिवाइस के सभी अनुपयुक्त सुविधाओं और सेवाओं को बंद कर गैर-क्रिटिकल नेटवर्क एक्सपोजर को न्यूनतम करें जो कि उपयोग में नहीं हैं. इसके बाद भी यदि आपको अपने डिवाइस में कोई असमान्य गतिविधि लगती है तो आप मालवेयर हटाने के लिए फैक्ट्री रीसेट कर सकते हैं.