नई दिल्लीः भारतीय सेना अब नई एके-47, इंसास और कार्बाइन सरीखे हथियारों से लैस होने जा रही है. सेना ने अपने आधुनिकीकरण के लिए सबसे बड़ी खरीद योजनाओं में से एक योजना को अंतिम रूप दे दिया है. इसके तहत बड़ी संख्या में हल्की मशीन गन, कार्बाइन और असॉल्ट राइफल्स को करीब 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से खरीदा जा रहा है. नए हथियार पुराने और चलन से बाहर हो चुके हथियारों की जगह लेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि करीब 7 लाख राइफल, 44 हजार लाइट मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइन की खरीद की विस्तृत प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है. खरीद प्रक्रिया पर आगे बढ़ने में रक्षा मंत्रालय और सेना मिलकर काम कर रहे हैं.
खरीदारी प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को यह संदेश भेजा है कि वह विभिन्न छोटे हथियारों खासकर हल्की मशीन गन पर अपने काम में तेजी लाए. विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तनाव समेत कई सुरक्षा संबंधी खतरों के मद्देनजर विभिन्न हथियार प्रणालियों की जल्द से जल्द खरीदारी करना चाह रही है.
सूत्रों की मानें तो एलएमजी की खरीदारी के लिए ताजा ‘जानकारी का अनुरोध’ (RFI) अगले कुछ दिनों में जारी कर दिया जाएगा. कुछ ही महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने 7.62 कैलिबर के तोप की निविदा रद्द कर दी थी क्योंकि कई फील्ड ट्रायल के बाद इसका इकलौता विक्रेता ही बचा था. योजना की शुरुआत में करीब 10 हजार एलएमजी की खरीद की है. सेना ने नई 7.62 मिमी असॉल्ट राइफल की विशेषताओं को भी अंतिम रूप दे दिया है.
ऐसी उम्मीद है कि खरीद संबंधी फैसला लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) बहुप्रतीक्षित खरीद को जल्द ही मंजूरी दे देगी. खरीद प्रक्रिया में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘नई असॉल्ट राइफल के लिए जनरल सर्विस क्वालिटी रिक्वायरमेंट्स (GSQR) को अंतिम रूप दे दिया गया है. खरीदारी योजना को मंजूरी के लिए जल्द ही डीएसी के पास भेजा जाएगा.’
बताते चलें कि बीते जून में ईशापुर की सरकारी राइफल फैक्ट्री में निर्मित असॉल्ट राइफल को सेना ने अस्वीकार कर दिया था. यह राइफल टेस्ट में फेल हो गईं थीं. अगर सेना में सभी इंसास राइफल्स को बदला जाए तो करीब 7 लाख असॉल्ट राइफल्स की जरूरत होगी. एक अधिकारी ने बताया कि एलएमजी, असॉल्ट राइफल और कार्बाइन की संयुक्त लागत करीब 40 हजार करोड़ रूपए आएगी. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन भी जल्द सेना के लिए नए हथियारों की खरीद-फरोख्त की बात कह चुकी हैं.