MNS की गुंडागर्दी के विरोध में सड़कों पर उतरे फेरीवाले, कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा-केस दर्ज
मुंबई में उत्तर भारत के फेरीवालों ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की गुंडागर्दी से त्रस्त होकर पार्टी के खिलाफ खोल दिया है. फेरीवालों ने शनिवार को मुंबई के मलाड में मनसे कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई की.
October 29, 2017 5:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई. मुंबई में उत्तर भारत के फेरीवालों ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की गुंडागर्दी से त्रस्त होकर पार्टी के खिलाफ खोल दिया है. फेरीवालों ने शनिवार को मुंबई के मलाड में मनसे कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई की. घायल कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें एक की हालत गंभीर है. पिटाई में एमएनएस के स्थानीय विभाग प्रमुख सुशांत मालवदे गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना में सात फेरीवालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 यानी हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया है. वहीं पुलिस ने चार फेरीवालों को हिरासत में लिया है. दरअसल मनसे ने एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर भगदड़ के बाद रेलवे स्टेशन परिसरों में मौजूद फेरीवालों को हटाने के लिए अभियान चलाया है.
एमएनएस कार्यकर्ता पर हमले की खबर मिलने के बाद पार्टी नेता नितिन सरदेसाई, शालिनी ठाकरे, संदीप देशपांडे सहित बड़ी संख्या में एमएनएस कार्यकर्ता मालाड पहुंचे. एमएनएस नेताओं का आरोप है कि फेरीवालों ने संजय निरूपम के उकसावे पर हमला किया इसलिए निरुपम के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने एमएनएस की फेरीवाला हटाओ मुहिम का विरोध किया है. उन्होंने जगह-जगह सभाएं कर ईंट का जवाब पत्थर से देने का आह्वान किया था.
पिछले कई वर्षों से मुंबई की सड़कों पर दुकान लगाने वाले फेरीवालों ने एमएनएस की यातनाओं से त्रस्त होकर राज ठाकरे के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. इसी सिलसिले में शनिवार को मुंबई में फेरीवालों की महासभा का आयोजन किया गया, जहां एकसाथ मिलकर राज का मुकाबला करने की रणनीति बनाने का ऐलान किया गया है. मुंबई पुलिस के डीएसपी विक्रम देशमाने ने बताया कि मलाड स्टेशन के बाहर हुई इस मारपीट में कार्यकर्ताओं को गहरी चोटें आई हैं. इसलिए 7 फेरीवालों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच करने के बाद ही पुलिस आगे कोई कदम उठाएगी.
बता दें कि हॉकर्स पर मनसे के कार्यकार्ताओं का अत्याचार नया नहीं है. अक्सर सड़कों पर दुकान लगाने वाले फेरीवालों को उनकी गुंडागर्दी का सामन करना पड़ता है. लेकिन शनिवार को मनसे कार्यकर्ताओं के ये दांव इस बार खुद पर भारी पड़ गया है.