नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, CJI बोले- हम देखेंगे

नई दिल्ली: रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम को आज सुप्रीम कोर्ट से फिर से झटका लगा. आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि उनकी ज़मानत अर्जी पर जल्द सुनवाई की जाए. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा हम देखेंगे. कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए फ़िलहाल कोई तारीख तय नही की है. आसाराम ने गुजरात के सूरत में चल रहे दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में जमानत मांगी है. इससे पहले जुलाई में भी कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से इंकार कर दिया. इसके अलावा रेप के दोनों मामलों का ट्रायल एक साथ चलाने वाली याचिका भी खारिज कर दी है. तीन साल से जेल में बंद रहने को आधार बनाते हुए आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी. ये मामला गुजरात में दुष्कर्म कांड से जुड़ा था.
इस पर कोर्ट ने कहा अभी चंद रोज पहले ही एक और मामले में ज़मानत अर्जी खारिज की गई थी तो अब कैसे ज़मानत दे सकते हैं ? अगर ज़मानत दे भी दी जाए, तो भी आसाराम जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि दूसरे मामले में वो जेल में ही बंद रहेंगे. आसाराम ने अपनी याचिका में यह भी मांग भी की थी कि राजस्थान और गुजरात में उनके खिलाफ रेप केस के दोनों मामलों का ट्रायल एक साथ चलाया जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी ये अर्जी भी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि पहले राजस्थान में सुनवाई पूरी होगी. उसके बाद गुजरात के मामले में ट्रायल शुरू किया जाएगा.
बता दें कि जमानत के लिए आसाराम अब तक कई तिकड़म लगा चुके हैं. लेकिन कोर्ट में सब फेल हो गए. कोर्ट ने उन्हें झूठी मेडिकल रिपोर्ट देकर जमानत की अर्जी लगाने का दोषी पाया है. इसे लेकर उनपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं. कोर्ट ने इस मामले में आसाराम की माफी को खारिज कर दिया है. इसके पहले राजस्थान सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आसाराम बापू के वकीलों ने जमानत के मामले में जेल सुपरीटेंडेंट का फर्जी लेटर लगाया था.
फर्जी लेटर में आसाराम की हालत बहुत ख़राब बताई गई थी. लेटर के मुताबिक आसाराम बिस्तर पर ही नेचुरल कॉल करते हैं. जबकि सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. अंदर की बात ये है कि आसाराम के खिलाफ नाबालिग रेप केस ज्यादा गंभीर है. जोधपुर में चल रही इस केस की सुनवाई टालने के लिए आसाराम पिछले तीन साल से हर तरह के हथकंडे आजमा चुके हैं. उनका ये आखिरी हथकंडा था कि सूरत रेप केस की सुनवाई भी साथ-साथ हो. सुप्रीम कोर्ट में आसाराम की ये चाल नाकाम हो गई, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी इसी हफ्ते आसाराम की जमानत खारिज करते समय ही कह दिया था कि अब ट्रायल लटकाने की चाल नहीं चलेगी.
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