नई दिल्ली. कश्मीरी पंडितों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने रूट्स इन कश्मीर नाम की संस्था की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की हत्या की 215 घटनाओं की जांच की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने रूट्स इन कश्मीर संस्था कि पुनर्विचार याचिका पर इन चैंबर सुनवाई के बाद उसको ख़ारिज कर दिया. रूट्स इन कश्मीर संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के इसी साल 24 जुलाई के कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि 27 साल पहले हुई इस घटना के जांच के आदेश नही दे सकते.
रूट्स इन कश्मीर संस्था ने अपनी पुनर्विचार में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगे मामले में SIT जांच के आदेश दिए है. संस्था ने कहा था कि अगर 33 साल पुराने सिख विरोधी दंगे मामले में कोर्ट सभी मामलों का स्कूटनी कर के बंद मामलों को फिर से खोलने का और जांच के आदेश दे सकता है तो 27 साल पुराने कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामले में क्यों नही. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 24 जुलाई को रूट्स इन कश्मीर संस्था की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की हत्या की 215 घटनाओं की जांच की मांग की थी.
उस समय तत्कालीन चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आप 27 साल से कहां थे. अब इतने सालों बाद इन मामलों में सबूत कैसे मिलेंगे? तब संस्था की तरफ से कहा गया कि संस्था से जुड़े लोग अपनी जान बचा कर भागे थे, लंबे समय तक अपने आप को दोबारा खड़ा करने के लिए संघर्ष करते रहे. हालांकि, बेंच ने इस दलील को मानने से मना कर दिया था.