नई दिल्ली: आतंकी फंडिंग और मनी लॉड्रिंग केस में विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज गुरुवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. बता दें कि जाकिर नाइक 1 जुलाई 2016 से ही देश से बाहर है. अदालत ने जाकिर नाइक के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जार कर चुका है. क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस ने गृह मंत्रालय से मिले निर्देश और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मांग के बाद जाकिर नाइक का पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिया. जाकिर नाइक ने जनवरी 2016 में अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराया था. उसकी वैधता 10 सालों के लिए हैं. एनआईए ने जाकिर नाइक के खिलाफ 18 नवंबर 2016 को केस दर्ज किया था. जांच एजेंसी ने कई मामलों में नाइक से पूछताछ करने के लिए पहले नोटिस भी जारी किया था, लेकिन नाइक पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए.
बता दें कि पिछले साल ढाका में हुए आतंकवादी हमले के बाद एनआईए ने जाकिर नाइक और मुंबई स्थित उनके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संगठन के खिलाफ मामला दर्ज है. भारत सरकार ने भई संगठन पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में उसे बैन कर दिया है. बता दें कि जाकिर नाइक पर समुदायों के बीच में शत्रुता पैदा करने का आरोप है. भारत सरकार भी लगातार शिकंजा कसते जा रही है.
इससे पहले ईडी ने मनीलांड्रिंग के तहत जाकिर नाइक की 18 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी. साथ ही नाइक की बहन नैला नूरानी से पूछताछ की थी. इस दौरान धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया. इस मामले में एनआईए का कहना है कि यूएई के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि होने के कारण गैर जमानती वारंट के जरिए नाइक को भारत वापस लाया जा सकता है. हालांकि अभी तक नाइक के भारत ले आने पर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है.