नई दिल्ली. नोटबंदी की पहली बरसी के मौके पर इसके क्रेडिट और विरोध को लेकर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी इसे “कालाधन विरोधी दिवस” के रूप में पेश करेगी,विपक्षी दलों ने जहां इसे काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने कहा कि यह देश में काला धन खत्म करने के उनकी सरकार के अभियान के तहत किया गया था. सरकार के अनेक प्रयासों से देश में काला धन पर रोक लगने में कामयाबी मिलनी शुरू हुई है. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस दिन नोटबंदी के विरोध में रैली करने की घोषणा की है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि नोटबंदी देश के साथ एक बहुत बड़ा धोखा था. आजाद ने कहा कि आठ नवंबर को कांग्रेस समेत विपक्ष की 18 पार्टियां केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में पूरे देश में सड़क पर उतर रही हैं.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा गत वर्ष आठ नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले को एक ऐतिहासिक कदम करार देते हुए आज पार्टी कार्यकर्ताओं से देश भर में आठ नवंबर को‘कालाधन विरोधी दिवस’मनाने का आग्रह किया. 8 नवंबर को होने वाले वाले इन दोनों प्रदर्शनों को चुनावी समर शुरू होने से पहले का टक्कर माना जा रहा है जिसका असर हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा.
वहीं दूसरी ओर नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए विपक्ष ने मंगलवार को घोषणा की कि इस फैसले के एक साल पूरे होने पर विपक्षी दल आठ नवंबर को काला दिवस मनायेंगे तथा देश भर में विरोध-प्रदर्शन करेंगे. विपक्ष का दावा है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरियों को नुकसान पहुंचा है. विपक्ष ने तभी नोटबंदी के फैसले के कारण अर्थव्यवस्था की हालत बुरी होने, बेरोजगारी बढ़ने और सकल रेलू उत्पाद (जीडीपी) कम होने की आशंका जतायी थी. इसी बीच पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भी आज ऐलान किया कि वो 8 नवंबर को ब्लैक डे मनाएगी और पूरे राज्य में काले झंडे लेकर रैलियां करेगी.