October 26, 2017 3:06 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 29 सितम्बर को गुस्से में सीमा पार कर पाकिस्तान जाने वाले सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को दोषी मानते हुए उसका कोर्ट मार्शल कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सिपाही चंदू को दो महीने 29 दिन की जेल और दो साल की पेंशन में कटौती की सजा सुनाई गई है. सीमा पार करके पाकिस्तान गए भारतीय सैनिक चंदू बाबूलाल चव्हाण को सेना की एक अदालत ने दोषी ठहराया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना की अदालत ने चंदू को तीन महीने कैद की सजा सुनाई है लेकिन सजा की अवधि को अधिकारियों की मंजूरी मिलना अभी बाकी है. चंदू पिछले साल सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 29 सितम्बर को एलओसी पार करके पाकिस्तान चला गया था. कहा जाता है कि वह अपने अफसरों से नाराज होकर पाकिस्तान चला गया था. 21 जनवरी को पाकिस्तान ने उसे भारत को सौंप दिया था.
पाकिस्तान ने जनवरी में सैनिक भारत को सौंप दिया था. लेकिन सजा की अवधि को उचित अधिकारियों की मंजूरी मिलना अभी बाकी है. 21 जनवरी को पाक ने चंदू को भारत को सौंप दिया था. उन्होंने बताया कि सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण के मामले की सुनवाई जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा की गई. चव्हाण सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं. उनकी तैनाती 37 राष्ट्रीय राइफल्स में थी. पिछले वर्ष सितंबर में भारत ने नियंत्रण रेखा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर सजिर्कल स्ट्राइक की थी जिसके कुछ घंटों बाद सिपाही कश्मीर में सीमा पार कर गया था.
PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी…
पहला चरण- 5-6 दिन पहले सैटेलाइट से आतंकी कैंपों की पहचान की गई.
दूसरा चरण- कैंपों की पहचान होने के बाद वॉर रूम में स्ट्राइक की रणनीति बनी
तीसरा चरण- रणनीति फाइनल होने के बाद बुधवार रात LOC पर स्पेशल कमांडोज़ को उतारा गया.
चौथा चरण- करीब डेढ़ सौ कमांडोज़ ने PoK में 7 अलग-अलग कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया और 50 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया.
पांचवां चरण- जब ये ऑपरेशन अंजाम दिया जा रहा था, तब दिल्ली में कंट्रोल रूम से NSA अजीत डोवाल, रक्षा मंत्री और DGMO सैटेलाइट के जरिए ही इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे.