नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को टीपू सुल्तान की प्रशंसा करते हुए कहा कि टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी जान दी. बेंगलुरु में एक सभा के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि टीपू सुल्तान अंग्रेजों से लड़ते हुए नायकों वाली मौत मरे. उन्होंने ये भी कहा कि मैसूर रॉकेट को विकसित करने में टीपू सुल्तान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बाद में यूरोपीयन मार्केट ने इस तकनीक का इस्तेमाल अपने यहां किया.गौरतलब है कि टीपू सुल्तान पर उस वक्त विवाद शुरू हुआ था जब केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े और बीजेपी सांसद शोभा करंडलाजे ने टीपू सुल्तान के जन्म शताब्दी महोत्सव के मौके पर होने वाले जश्न में शामिल होने के लिए राज्य सरकार द्वारा मिले न्योते को ये कहते हुए मना कर दिया था कि वो निर्दयी हत्यारा और रेपिस्ट था.
टीपू सुल्तान पर राष्ट्रपति कोविंद के बयान पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गवड़े ने कहा कि वो राष्ट्रपति कोविंद के बयान पर कोई विवाद नहीं करना चाहते और हम उनके बयान का सम्मान करते हैं लेकिन इसपर विवाद है जिसपर चर्चा होनी चाहिए. बीजेपी नेता आर अशोक ने राष्ट्रपति कोविंद के इस बयान में से भी सिद्धारमैया सरकार को कोसने का बहाना निकालकर ये कहा कि राज्य सरकार ने ही राष्ट्रपति को स्पीच दी थी. गौरतलब है कि 9 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती है. ऐसे में टीपू सुल्तान को लेकर विवाद अभी और गर्म होने की उम्मीद है.
टीपू सुल्तान पर भले ही विवाद चल रहा हो लेकिन इतिहास में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले राजा के रूप में जाने जाते हैं. इतिहास बताता है की टीपू सुल्तान ने मालाबार में हुई बगावत को खत्म किया. इतिहासकार हबीब बताते हैं कि टीपू सुल्तान का वजीर खुद एक हिंदू था और ये जुल्म बगावत को दबाने के लिए हुए थे जो पहले हुआ करते थे.