8 नवंबर को विपक्ष के ‘ब्लैक डे’ के विरोध में नोटबंदी का जश्न मनाएगी सरकार- अरुण जेटली

8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर केंद्र सरकार ने इस दिन नोटबंदी की सफलता का जश्न मनाने की घोषणा की है. विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीजेपी इस दिन 'कालाधन विरोधी दिवस' मनाएगी.

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8 नवंबर को विपक्ष के ‘ब्लैक डे’ के विरोध में नोटबंदी का जश्न मनाएगी सरकार- अरुण जेटली

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  • October 25, 2017 1:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्लीः 8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर केंद्र सरकार ने इस दिन नोटबंदी की सफलता का जश्न मनाने की घोषणा की है. विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीजेपी इस दिन ‘कालाधन विरोधी दिवस’ मनाएगी. जेटली ने कहा, इस दिवस के माध्यम से बीजेपी कालेधन के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी जनता तक पहुंचाएगी. जेटली ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. दरअसल कांग्रेस ने नोटबंदी की सालगिरह पर ब्लैक डे मनाने की घोषणा की थी. कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की बड़ी विफलताओं में से एक बताया. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर इसे ब्लैक डे के रूप में मनाएगी. टीएमसी कार्यकर्ता इस दिन पूरे राज्य में काले झंडों के साथ रैलियां निकालेंगे.
 
8 नवंबर यानी नोटबंदी की पहली सालगिरह पर इस बार देश में बड़ा राजनीतिक घमासान होने वाला है. नोटबंदी को लेकर विपक्ष के हमलावर होते ही सरकार सेफ मोड में आ गई है. बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीसी के दौरान कहा कि पिछले साल की गई नोटबंदी पूरी तरह से सफल रही है. उनके मुताबिक, बीजेपी इस बड़े आर्थिक बदलाव की सफलता का जश्न मनाएगी. जेटली ने बताया कि जीएसटी के माध्यम से नया ट्रांजिशन फेज चल रहा है. उन्होंने कहा कि 8 नवंबर तक पार्टी सरकार के इन कदमों (नोटबंदी, जीएसटी) के समर्थन में जनमत तैयार करेगी. इसके लिए बीजेपी के तमाम नेता देशभर में जाएंगे. जेटली ने पीसी में आगे कहा, ‘कुछ ऐसी पार्टियां हैं, जो पहले शासन कर चुकी हैं. वो नहीं चाहती थी कि ब्लैक मनी के खिलाफ कार्रवाई हो, ब्लैक मनी जब्त की जाए. कालेधन के खिलाफ कार्रवाई किसी छोटे कदम से मुमकिन नहीं है.’
 
जेटली ने कहा, नोटबंदी पर चल रही बहस देश को प्रो-एक्सेसिव कैश इकोनॉमी और एंटी ब्लैक मनी कैंपेन के बीच वैचारिक दृष्टि से बांटने का काम करेगी. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को रात के 8 बजे 500-1000 के नोटों पर बैन का ऐलान किया था. इसके बाद से देश में एक अलग ही बहस छिड़ गई थी. कुछ समय तक लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. सरकार का तर्क था कि कालेधन के खात्मे के लिए ऐसा करना जरूरी था. हालांकि सरकार इसे पूरी तरह से सफल बताती है लेकिन कांग्रेस का कहना है कि नोटबंदी से कालाधन रखने वालों को ही सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा था. बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी नोटबंदी और जीएसटी को लेकर सरकार पर हमला कर चुके हैं. शौरी ने नोटबंदी को सरकार की मनी लॉंड्रिंग स्कीम बताया था.
 
 

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