नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को सोमवार को फिर से अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने चंद्रा की जमानत देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो खरीदार पैसे वापस लेना चाहते हैं, उन्हें पैसे दिलाना कोर्ट का फर्ज है. एमिक्स ने कोर्ट को बताया कि 4482 खरीदार अपना पैसा वापस चाहते हैं तो 4356 खरीदार फ्लैट चाहते हैं. यूनिटेक पर 9072 खरीदारों की 1865 करोड की देनदारी है. संजय चंद्रा की ओर से कहा गया कि कोर्ट में पहले ही 130 करोड रुपये जमा कराए हैं. कोर्ट ने कहा कि कैनवस बडा है इसलिए 1000 करोड रुपये जमा होने चाहिए. संजय चंद्रा की ओर से कहा गया कि दोनों डायरेक्टर जेल में हैं और जेल में रहकर संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में वो इसे लेकर कोई प्लान लेकर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को करेगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एमिक्स क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि यूनिटेक के कुल 74 प्रोजेक्ट हैं जिनमें 13 प्रोजेक्ट दिए जा चुके हैं. इनमें कुल करीब 23 हजार फ्लैट हैं जिनमें से 16299 फ्लैट नहीं दिए गए हैं. इन खरीदारों का कुल निवेश 7816 करोड बनता है. वहीं संजय चंद्रा की ओर से कहा गया कि वो सभी निवेशकों को फ्लैट देना चाहते हैं. इसके लिए इन्हें रिहाई दी जाए. वो 45 दिन से जेल में हैं और अंतरिम जमानत पर बाहर आकर प्रोजेक्ट पर काम करेंगे. वही अकेले जेल में हैं जबकि बाकी बिल्डर आराम से घूम रहे हैं. इसमें छह महीने का वक्त लगेगा. अगर ऐसा ना हो तो सीधे दोषी करार देकर सजा दे दी जाए.
कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट यूनिटेक के प्रोजेक्ट पर रिसीवर बैठाकर नीलामी करा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब मामले की सुनवाई 23 अक्तूबर को होगी. बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जब तक कोर्ट को खीरददारों और लंबित प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं मिलती, तब तक जमानत पर विचार नहीं किया जाएगा.