नई दिल्ली: ये प्लानिंग की गड़बड़ी है या स्ट्रेटजी कि संघ परिवार के दो बड़े संगठनों के दो मेगा ईवेंट एक ही दिन होने जा रहे हैं वो भी इसी महीने में. बजरंग दल और स्वदेशी जागरण मंच राष्ट्रीय स्वंय संघ के दो बड़े संगठन है, दोनों संघ की इमेज से लेकर नीतियों तक को प्रभावित करते हैं. ऐसे में एक ही दिन दोनों के ऐसे बड़े कार्य़क्रम का होना, जिनमें दोनों को अपनी ताकत दिखानी है, एक ही दिन होने से दोनों पर फर्क पड़ना तय है. दोनों ही कार्यक्रम इसी महीने की 29 तारीख को हैं यानी 29 अक्टूबर को.
दरअसल बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की उसी तरह एक यूनिट के तौर पर काम करता है जैसे कि भारतीय जनता युवा मोर्चा बीजेपी के लिए करता है, यानी इन दोनों संगठनों की रिपोर्टिंग सीधे संघ को ना होकर वीएचपी और बीजेपी को होती है. ऐसे में बजरंग दल का राष्ट्रीय अधिवेशन इस साल 27, 28 और 29 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित किया गया है. 29 अक्टूबर को बजरंग दल के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन समारोह है, खास बात है कि इस दिन ओपन सैशन होगा, यानी पूरे प्रदेश के और भोपाल शहर की प्रतिष्ठित हस्तियां भी इसमें आमंत्रित होंगी और मुख्य अतिथि के तौर पर प्रख्यात ओलम्पियन पहलवान योगेश्वर दत्त भी होंगे, जो उसी दिन बजरंगियों को सम्बोधित करेंगे. ऐसे में दिल्ली और एनसीआर के सारे बजरंगी इस कार्य़क्रम में भाग लेने के लिए तीन दिन भोपाल में ही रहेंगे.
दिलचस्प बात है कि उसी दिन यानी 29 अक्टूबर को ही स्वदेशी जागरण मंच ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी एक महारैली के आयोजन का ऐलान किया है. ये रैली चीनी सामानों की बिक्री के खिलाफ एक जागरूकता रैली के तौर पर होगी. दरअसल डोकलाम विवाद के दौरान इस तरह के पूरे एक महीने तक चीनी सामान के खिलाफ इस एक लम्बे जागरूकता अभियान का ऐलान किया गया था. उसी में 29 अक्टूबर को रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली का भी ऐलान किया गया था.
इस रैली की तैयारियां भी जोरों शोरों से चल रही हैं, इस रैली में स्टूडेंट्स, ट्रेडर्स के साथ साथ संघ परिवार के बाकी संगठनों के लोग भी शामिल होंगे. इस रैली की तैयारियों के लिए अतुल गंगवार ने एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई, जो दिल्ली की करीब पचास रामलीलाओं में भी दिखाई गई हैं. इस फिल्म में चीनी बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिकों की प्रशंसा के अलावा आंकडों और तथ्यों के साथ-साथ ये दावा किया गया था कि सस्ते सामान के जरिए चीन भारत को चीनी कॉलोनी बनाता जा रहा है. इससे सीधा-सीधा नुकसान हमारे लघु उद्योंगों को भुगतना पड़ रहा है.
आमतौर पर ये होता है कि जब भी संघ से जुड़े किसी संगठन का कोई राष्ट्रीय रैली या अधिवेशन होता है, तो बाकी संगठन अपनी तारीखों को आगे पीछे खिसका लेते हैं, ताकि एक दूसरे के कार्य़क्रमों में वो भी सहयोग दे पाएं. ऐसे में जबकि दिल्ली एनसीआर में आने वाले हर जिले के वरिष्ठ बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता 29 अक्टूबर को भोपाल में रहेंगे तो इसका सीधा असर स्वदेशी जागरण मंच की रैली पर पड़ना स्वभाविक है, क्योंकि स्वदेशी जागरण मंच का उतना सांगठनिक ढांचा भी मजबूत नहीं है. दूसरे अगर को मेगा ईवेंट एक दिन में होंगे तो उनके मीडिया कवरेज भी असर स्वाभाविक है.
हमने बजरंग दल के राष्टीय संयोजक मनोज वर्मा से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की दिल्ली प्रांत प्रचार टीम के वरिष्ठ अधिकारी अरुण अरोरा ने कहा, “देखिए संघ इतना बड़ा संगठन है, इतने ढेर सारे अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले संगठन इसके तहत काम करते हैं. साथ में त्यौहार, बच्चों के पेपर्स और छुट्टी का दिन आदि भी देखने होते हैं, ऐसे में ये हो गया हो कि केन्द्रीय टीम ने ध्यान ना दिया हो कि दो मेगा ईवेंट एक दिन हो रहे हैं, लेकिन दोनों ही कार्य़क्रम सफल बनाने की कोशिश हैं.”