नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने गुजरात में चुनाव की तारीखों का एलान नहीं करने पर चुनाव आयोग पर तंज कसा है. चिदंबरम ने ट्विटर पर चुनाव आयोग और पीएम मोदी को लेकर कटाक्ष भरा ट्वीट कर लिखा- चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को ही गुजरात चुनाव की तारीखों का एलान करने के लिए अधिकृत कर दिया है और उनसे कहा है कि अपनी आखिरी रैली में चुनाव की तारीखों का एलान कर दीजिएगा और हमें बता दीजिएगा. एक और ट्वीट में चिंदबरम ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग ने गुजरात सरकार को लोकलुभावन घोषणाएं करने का पर्याप्त समय दे दिया है.
पूर्व वित्त मंत्री के इस ट्वीट पर गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि लगता है कि पी चिंदबरम और पूरी कांग्रेस पार्टी गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही डर गई है. पी चिंदबरम के इस ट्वीट पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि ऐसा ना करते तो कांग्रेस सभी सीटों पर कब्जा कर लेती और गुजरात को बर्बाद कर देती.
दरअसल ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एक बार चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद चुनाव आचार संहिता लग जाती है. ऐसे में कोई भी मंत्री चुनाव प्रचार के लिए कोई भी मंत्री ना तो सरकारी दौरा कर सकता है और ना ही नए प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर सकता है. इसके अलावा सरकारी मशीनरी और सरकारी कर्मचारियों का इस्तेमाल भी चुनाव में वोट बढ़ाने के लिए नहीं कर सकता.
इसके अलावा अबतक ऐसा होता आया है कि 6 महीने के भीतर अगर एक या एक से अधिक राज्यों में चुनाव होना है तो चुनाव आयोग साथ में चुनाव की तारीखों का एलान करता है लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के लिए चुनाव की तारीख का एलान तो कर दिया लेकिन गुजरात चुनाव की तारीख का एलान नहीं किया.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भी हिमाचल प्रदेश के चुनाव कार्यक्रमों के साथ गुजरात का चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं करने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की थी. चुनाव आयोग की साख पर लोग लगातार इस वजह से सवाल उठा रहे हैं क्योंकि गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल चुनाव के कार्यक्रम के ऐलान के बाद गुजरात गौरव महासम्मेलन को संबोधित किया और फिर दो दिन बाद दोबारा गुजरात जा रहे हैं. विपक्ष इसे सीधे तौर पर चुनाव आयोग का सरकार के सामने समर्पण करार दे रहा है और कह रहा है कि बीजेपी को चुनाव आचार संहिता से गुजरात में यथासंभव बचाए रखने के लिए गुजरात चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान टाला जा रहा है.