नई दिल्ली: दिवाली चली गई लेकिन दिवाली दिन हवा में फैला जहर अब भी घूम रहा है. दिल्ली-एनसीआर में बैन के बावजूद जमकर पटाखे चले. हालांकि बैन का असर भी देखने को मिला क्योंकि पिछले साल के मुकाबले वायू थोड़ी कम प्रदूषित हुई लेकिन इसका स्तर अब भी बेहद खराब है. द लेंसेट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में दुनियाभर में प्रदूषण की वजह से उम्र से पहले मरने वाले सबसे ज्यादा लोग भारत के थे. भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग प्रदूषण से होने वाली बिमारियों की वजह से मौत हुई . इसमे हवा, पानी और दूसरी तरह का प्रदूषण भी शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में प्रदूषण की वजह से दुनियाभर में हुई मौतों में से 28 फीसदी मौत अकेले भारत में हुई. रिपोर्ट बताती है कि साल 2015 में दुनियाभर में 90 लाख लोगों की मौत हुई. लेंसेट मेडिकल जर्नल की रिपोर्टे के मुताबिक इन मौतों की मुख्य वजह टॉक्सिक प्रेशर की वजह से हुई. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एशिया और अफ्रीका के लोगों को वायू प्रदूषण से होने वाली बिमारियों का ज्यादा खतरा है.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण की वजह से होने वाली बिमारियों और फिर उनके इलाज के लिए हर साल 4.6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होता है जो ग्लोबर इकनॉमी का 6.2 फीसदी है. प्रदूषण पर कई स्टडी की गई है, लेकिन ना तो इसका कारण पता चला और ना ही उसपर कितना ध्यान दिया जा रहा है इसका पता चला.