नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पटाखों पर बैन लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली का हाल बेहाल रहा. इस दिवाली दिल्लीवासियों ने जमकर पटाखें फोड़ें. इस दिवाली एक बार फिर दिल्ली भारी आतिशबाजी के चलते प्रदूषण में ही घिर कर रह गई . दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने 10 स्टेशनों पर एयर क्ववालिटी मापने की व्यवस्था की थी जिसे देखने के बाद पता चला कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 9 गुणा ज्यादा दर्ज किया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण के चौकांने वाले आकंड़े सामने आए. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी के द्वार दिए गए आंकड़ों के मुताबिक दिवाली के बाद वजीरपुर की आबोहवा सबसे जहरीली हो गई. इसी क्रम में सबसे प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार रहा. इसके साथ ही शाहदरा, वजीरपुर, अशोक विहार और श्रीनिवासपुरी जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा पहुंच गया है. जबकि ये आंकड़े रात 10.00 बजे तक के हैं. इसीलिए ये साफ हैं कि जब सुबह तक के आकंड़ें सामने आएंगे तो वो तथ्य और ज्यादा हैरान करने वाले होंगे. इसके अलावा पॉश इलाकों का हाल भी चिंताजनक रहा. साउथ दिल्ली के आर.के पुरम का प्रदूषण का स्तर 12 गुना ज्यादा था.
बता दें कि 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों पर बैन लगाए गया था. इस आदेश का तमाम लोगों ने स्वागत किया है तो वहीं कुछ लोगों ने इस पर निराशा जताई है. बैन पर पुनर्विचार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्हें दुख है कि प्रदूषण से जुड़े इस मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. वहीं इस मामले में त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और मशहूर लेखक चेतन भगत ने इस बैन को हिंदू विरोधी करार दिया था.
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