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पटाखा बैन का विरोध: सुप्रीम कोर्ट के बाहर पटाखे जलाने को लेकर 14 लोग हिरासत में

मंगलवार को उस वक्त लोग हैरान रह गए, जब खुद को आजाद हिंद फौज का हिस्सा और हिंदू हेल्पलाइन का सदस्य बताने वाले युवक 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए निकले और शीर्ष अदालत के बाहर पटाखे जलाने लगे.

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  • October 18, 2017 5:49 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मंगलवार रात सुप्रीम कोर्ट के बाहर पटाखा जलाने के आरोप में 14 लोगों को हिरासत में लिया है. ये लोग सु्प्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर लगे बैन का विरोध कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में और 29 लोगों को गिरफ्तार किया है. मंगवलार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर दिल्ली पुलिस को शीर्ष अदालत के गेट के बाहर प्रदर्शन होने के बारे में सूचना मिली थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि एक संगठन से जुड़े होने का दावा करने वाली तीन महिलाओं सहित 14 लोगों को हिरासत में लिया गया. इन लोगों को तिलक मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया. इनके खिलाफ तिलक मार्ग थाना पुलिस ने डीपी एक्ट के तहत कार्रवाई की और फिर सभी को छोड़ दिया. 
 
मंगलवार को उस वक्त लोग हैरान रह गए, जब खुद को आजाद हिंद फौज का हिस्सा और हिंदू हेल्पलाइन का सदस्य बताने वाले युवक ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए निकले और शीर्ष अदालत के बाहर पटाखे जलाने लगे. पटाखे जलते देखकर आसपास लोग तेजी से यह सोचकर भागे कि शायद यह कोई आतंकवादी हमला है. हालांकि पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और पटाखे जला रहे युवकों को कुछ मिनटों के भीतर ही हिरासत में ले लिया. संगठन की दलील है कि कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है, इनके फोड़ने पर नहीं. हालांकि इन लोगों ने प्रतिबंध के पीछे की मंशा, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोक, को पूरी तरह से नजरअंदाज किया.
 
वहीं दूसरी ओर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा कोर्ट के आदेश के विरोध में दिखे. तेजिंदर पाल सिंह ने स्वयं ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें दिल्ली के हरिनगर में बच्चो को पटाखे बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं. बग्गा पहले ही पटाखे बांटने की बात कहते आ रहे थे. इस बारे में पूछने पर बग्गा ने बताया कि मैंने दिल्ली के बाहर से पटाखें खरीदे हैं. जिन्हें मैंने बांटा है.
 
बता दें कि 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों पर बैन लगाए जाने का तमाम लोगों ने स्वागत किया है तो वहीं कुछ लोगों ने इस पर निराशा जताई है. बैन पर पुनर्विचार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्हें दुख है कि प्रदूषण से जुड़े इस मसले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. वहीं इस मामले में त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और मशहूर लेखक चेतन भगत ने इस बैन को हिंदू विरोधी करार दिया था.
 
 
 
 

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