लखनऊ : ताज महल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बाद अन्य पार्टियों के नेता भी इसमें कूद पड़े है. यूपी के सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम के द्वारा ताजमहल को गुलामी की निशानी बताने के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने पलटवार किया है. आजम खान ने कहा कि ताजमहल की क्यों संसद, राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार और लाल किला भी गुलामी की निशानी है, इन्हें भी मिटा देना चाहिए. वहीं संगीत सोम के बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ताजमहल को लेकर विवादित बयान दिया है. स्वामी ने कहा कि ताज महल चोरी की जमीन पर बनाया गया था. स्वामी ने कहा कि शाहजहां ने ताज महल के लिए जयपुर के राजा पर जमीन के लिए दबाव बनाया था. मुआवजे के तौर पर तब उसे 40 गांव दिए थे. स्वामी ने दावा किया कि वो जल्द ही उन दस्तावेजों को सबके सामने जाहिर करेंगे. हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि वहां पहले से मंदिर था या नहीं.
आजम खान ने बीजेपी और संघ के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस के लोग जिन्हें धोखेबाज कहते हैं. उनकी (मुस्लिम शासकों) सभी निशानियों को नष्ट कर देना चाहिए. आजम खान ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरी भी यहीं राय है कि गुलामी की सभी निशानियों को ध्वस्त कर देना चाहिए. इससे पहले बीजेपी विधायक संगीत सोम के विवादित बयान पर कटाक्ष करते हुए AIMIM सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने कहा था कि संगीत सोम को ताजमहल का नाम ऐतिहासिक धरोहरों की लिस्ट से हटवाने के लिए यूनेस्को जाना चाहिए. साथ ही अगर ताजमहल संस्कृति पर धब्बा है तो वहां पर्यटन पर बैन करवा देना चाहिए.
ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अगर ताजमहल गद्दारों की निशानी है तो लालकिला भी गद्दारों ने ही बनवाया है. ओवैसी ने सवाल दागा कि क्या पीएम मोदी अब लाल किले से तिरंगा फहराना बंद कर देंगे? दिल्ली के हैदराबाद हाउस का जिक्र करते हुए ओवैसी ने पूछा कि हैदराबाद हाउस भी गद्दारों ने ही बनाया गया था, क्या पीएम मोदी अब वहां पर विदेशी मेहमानों को रिसीव करना बंद कर देंगे?