किसानों को डिजिटल क्रांति से जोड़ने वाले इफको के डॉ. अवस्थी का फर्टिलाइजर सेक्टर में अर्धशतक

नई दिल्ली. डिजिटल होना आज की जरूरत बन गई है. ऐसे में जब तक खेती-किसानी करने वालों को डिजिटल मंच से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक वो विकास के मुख्यधारा में शामिल नहीं हो सकते हैं. इस चीज को समझने की कोशिश की है विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने. को-ऑपरेटिव और फर्टिलाइजर सेक्टर में पांच दशक तक योगदान देने वाले डॉ उदय शंकर अवस्थी ने किसानी-खेती और किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए काफी कुछ किया है और लगातार इफको के जरिये डिजिटल क्रांति कर रहे हैं.
12 जुलाई 1945 को उत्तरप्रदेश में जन्में डॉ उदय शंकर अवस्थी का मानना है कि डिजिटल क्रांति से शहर और गांव की खाई को पाटा जा सकता है तथा गांव का किसान और नौजवान अपना जीवन स्तर सुधारने में बड़ी छलांग लगा सकते हैं. उनका कहना है कि जब पूरी दुनिया डिजिटल हो रही है तो हमारे किसान, हमारी सोसाइटी और हम क्यों पीछे रहें. उनका मानना है कि अगर गांव के किसान, नौजवानों को स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल दुनिया से जोड़ दिया जाए, तो वो सिर्फ खेत ही नहीं, बल्कि खेत से बाहर भी अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं.
मोदी सरकार जिस तेजी से हर सेक्टर के डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है, उसी चीज को ध्यान में रखते हुए डॉ अवस्थी किसानों को डिजिटल वर्ल्ड से जोड़ने और उन्हें सीधा लाभ देने के उद्देश्य से इफको के जरिये उन्हें मंच प्रदान कर रहे हैं. इसके लिए डॉ अवस्थी ने ये इफको का पोर्टल का पोर्टल भी बना दिया है, जहां किसान अपने कृषि-खेती संबंधी प्रोडक्ट खरीद सकते हैं और फिर खेती-बारी से जुड़ी जानकारी प्राप्त भी कर सकते हैं. को-ऑपरेटिव सेक्टर में इफको का योगदान और इफको में डॉ अवस्थी का योगदान काफी सराहनीय है.
किसान न सिर्फ खेती से चीजें पैदा कर सकते हैं बल्कि डिजिटल वर्ल्ड से जुड़कर अपने उत्पादों को खुद डिजिटल मार्केट में सही कीमत पर बेच भी सकते हैं. इस कॉन्सेप्ट को विकसित करने का काम डॉ उदय शंकर ने किया है. ये डॉ अवस्थी का ही विचार है जिसमें पोर्टल के जरिये किसान अपने सामानों की ब्रांडिंग कर बेच भी सकते हैं.
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने वाले डॉ अवस्थी का पूरा फोकस अभी ग्रामीण भारत को इफको के जरिये न सिर्फ डिजिटल करना है, बल्कि किसानों-नौजवानों को सशख्त भी करना है. डॉ अवस्थी अपने को-ऑपरेटिव प्लेटफॉर्म के जरिये चाहते हैं कि गांव के किसान मोबाइल चलाना सीखे और डिजिटल स्पेस की ताकत को समझे और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करे.
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