शिमला: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए उन कारणों का खुलासा किया है जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी. वीरभद्र सिंह सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे अनिल शर्मा ने कहा कि उनके लिए उनके पिता की बेज्जती असहनीय हो गई थी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर उनके पिता की बेज्जती करने और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी क्यों छोड़ी तो उनका जवाब था ‘ ये तुरंत में लिया गया फैसला नहीं है. मुझे पिछले साढ़े चार साल से प्रताड़ित किया जा रहा था. पार्टी ने मुझे साइडलाइन कर दिया था. पिछले दिनों मंडी में हुई कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में भी मेरे पिता की बेज्जती की गई. उन्हें मंच पर जाने से रोक दिया गया.
अगर आपको पार्टी ने साइडलाइन किया था तो आप सरकार में मंत्री कैसे थे? इस सवाल के जवाब में अनिल शर्मा ने कहा- मैं 2012 में अच्छे खासे अंतर से विधानसभा चुनाव जीता मगर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मेरी वरिष्ठता को देखते हुए भी मुझे मंत्रिपद के लिए प्रस्ताव नहीं दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद मुझे कैबिनेट में जगह दी गई.
अनिल शर्मा से जब ये सवाल किया गया कि विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया? इसपर उनका जवाब था कि- मैने हाल तक पार्टी छोड़ने का फैसला नहीं किया था. लेकिन जब मुझे पता चला कि राज्य की चुनाव प्रचार कमेटी की लिस्ट में मेरा नाम नहीं है तो मुझे झटका लगा जबकि मेरे अलावा सभी कैबिनेट मंत्रियों का नाम चुनाव प्रचार कमेटी में शामिल था. राज्य के पार्टी प्रमुख सुखविंदर सिंह सुखू ने मुझे बताया कि पहले उनका नाम पैनल में शामिल किया गया था लेकिन बाद में अज्ञात कारणों की वजह से हटा दिया गया तो मुझे ये अपना अपमान लगा.
पत्रकारों ने जब ये पूछा कि क्या आपके पिता आपके इस फैसले से खुश हैं तो उन्होंने कहा कि- हां बिलकुल, सीएम वीरभद्र सिंह ने पार्टी वर्कर्स मीट में हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के सामने मेरे पिता का अपमान किया. इस महीने राहुल गांधी की मंडी रैली के लिए मेरे पिता को न्योता भेजा गया. खराब तबीयत के बावजूद रैली में शामिल होने के लिए मेरे पिता दिल्ली से मंडी तक गए लेकिन जब वो कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो उन्हें राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने से रोक दिया गया. ये व्यवहार मेरे लिए असहनीय था.