October 16, 2017 8:48 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
विशाखापत्तनम : मेड-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में ही निर्मित स्वदेशी एंटी-पनडुब्बी जहाज आईएनएस किलटन को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है. विशाखापत्तनम के नौसिक डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान इसे नौसेना में शामिल किया गया. इस मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन और नौसैनिक स्टॉफ एडमिरल सुनील लांबा मौजूद थे. INS किलटन शिपयार्ड प्रोजेक्ट-28 के अंतर्गत बनने वाला आईएनएलकिलटन, शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास और आईएनएस कोमार्ता के बाद चौथा स्वदेशी निर्मित युद्धपोत है. जबकि भारत का ऐसा पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस युद्धपोत का वजन 3500 टन है और यह 109 मीटर लंबा है. इसमें चार डीजल इंजन लगे हैं. आधुनिक हथियार और सेंसर से लैस युद्धपोत 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. इस पर हेलिकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा भी मौजूद है.
यह युद्धपोत पानी के अंदर पनडुब्बियों को मार गिराने की क्षमता रखता है. केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने सोमवार को कमिशनिंग सेरेमनी के दौरान इसका उद्घाटन किया. भारतीय नौसेना को आईएनएस किलटन के रूप में एक नई मजबूती मिली है. नौसेना के नौसैनिक डॉकयार्ड ने इस बारे में एक बयान जारी बताया कि कमोरटा क्लास श्रेणी के चार युद्धपोत में से यह तीसरा है. इसे डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने आकार दिया है और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने इसका निर्माण किया है. ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय हितों को साधने के लिए घातक युद्धपोत का निर्माण किया गया है.
बता दें कि पूरी तरह से स्वदेशी, INS किलटन पानी के अंदर दुश्मन के किसी भी हमले को नाकाम करने मे सक्षम है. नौसेना के नेवल डिज़ाइन निदेशालय के डिज़ाइन पर गार्डनरीच शिपयार्ड ने इसे बनाया है. ये हाई क्लास स्टील डीएमआर 249 से बना है, जिसे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी सेल ने ही बनाया है. जहाज का नाम लक्ष्यद्वीप सामरिक द्वीप अमिनिदिवी समूह के मिनिकॉय द्वीप समहू से लिया गया है.