नई दिल्ली : एनडीए के घटक दल शिवसेना ने एक बारह फिर से संपादकीय के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने सामना में लिखा है कि ‘खोदा तुम्हारे लिए, गिरे हम’ ऐसी अवस्था बीजेपी ने अब सोशल मीडिया के मामले में खुद की कर ली है, सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ लिखने वालों पर बीजेपी करवाई करवा रही है. बीजेपी ने सोशल मीडिया के शस्त्र से केंद्र और महाराष्ट्र की सत्ता हासिल की थी. उस समय सोशल मीडिया पर ऐसा प्रचार किया गया मानो बीजेपी का शासन द्वारिका की तरह गरीबों के घर घर की मिट्टी को सोना बनाने वाला होगा. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री का अपमान न हो और संयम का पालन भी होना चाहिए, लेकिन मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री के रूप में खिल्ली उड़ाते वक्त संयम और सौजन्य की ऐसी तैसी करने वालों की वैसी ही हालत अब बीजेपी को रास नहीं आ रही है.
संपादकीय में कहा गया है कि बीजेपी ने विरोधियों की बदनामी, अवमानना और दुष्प्रचार के लिये सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया, लेकिन उसी सोशल मीडिया पर बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश होते ही तुरंत सोशल मीडिया में सत्य उजागर करने वाले युवकों का गर्दन दबोचने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और पुलिस विभाग का सीधे सीधे दुरुपयोग हो रहा है. सामाजिक माध्यम से सरकार विरोधी मत व्यक्त करने वाले युवकों का सरकार पुलिस के जरिए दमन हो रहा है. संपादकीय में कहा गया है कि ऐसे ही एक मामले में पुलिस थाने में बुलाकर युवक को प्रताड़ित करने का खुलासा शरद पवार ने किया है.
लेख में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री का अपमान न हो और संयम का पालन भी होना चाहिए, लेकिन मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री के रूप में खिल्ली उड़ाते वक्त संयम और सौजन्य की ऐसी तैसी करने वालों की ही हालत अब वैसी ही हो गई हैं. आगे कहा गया है कि सरकार के संबंध में बीजेपी के बारे में विचार व्यक्त करने की आजादी हमारे देश में नहीं है तो प्रधानमंत्री मोदी को इसकी सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए. राजनैतिक विरोधियों पर सोशल मीडिया के जरिए कीचड़ उछालने का काम मुख्यमंत्री कार्यालय से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में कार्यरत व्यक्ति द्वारा यह काम कराया जाता है. इसमें गंभीर बात यह है कि इस व्यक्ति को सरकारी वेतन मिलता है.
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