नई दिल्ली: बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पार्टी और सरकार के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. वरुण ने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए उसे बिना दांतों और शक्तियों वाला संस्थान कहा है. संविधान का हवाला देते हुए वरुण ने कहा कि अनुच्छेद 324 के मुताबिक चुनाव आयोग का काम देश चुनाव करवाना और उसकी प्रकिया को नियंत्रित करने का है लेकिन क्या ऐसा सच में हो रहा है या होता है ? बता दें कि शुक्रवार को ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है.
बीजेपी सांसद ने कहा कि चुनाव के समय में राजनीतिक पार्टियां प्रचार पर काफी पैसा खर्च कर देती हैं, यही कारण हैं कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि आयोग के पास चुनाव खत्म हो जाने के बाद केस दायर करने तक का अधिकार नहीं रहता है, उसके लिए सप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा कि आयोग ने निर्धारित समय के भीतर चुनावी खर्च के आंकड़ों को जमा करने वाले राजनीतिक दलों को भी निरस्त नहीं किया.
वरुण का बयान ऐसे समय आया है जब विपक्ष पहले से ही बीजेपी पर गुजरात विधानसभा के चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर निशाने पर लिया हुआ है. उन्होंने यह बातें नसलार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद में भारतीय राजनीतिक सुधार विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही. बता दें कि वरुण गांधी अक्सर बीजेपी की विचारधारा से उलट बोलते हैं. वरुण गांधी पहले ही रोहिंग्या को भारत में शरण देने की वकालत कर चुके हैं. वरुण गांधी ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमान को वापस नहीं भेजा जाना चाहिए, उनके साथ मानवता पूर्वक पेश आना चाहिए.