UPA और मोदी सरकार में फर्क नहीं, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कुछ नहीं किया: अन्ना हजारे
समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धी में गांधीवादियों के साथ बैठक कर अपने नए आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली है. अन्ना ने कहा कि यूपीए और मोदी सरकार में कोई फर्क नहीं है. मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कुछ नहीं किया.
October 14, 2017 1:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
रालेगण: समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धी में गांधीवादियों के साथ बैठक कर अपने नए आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली है. अन्ना ने कहा कि यूपीए और मोदी सरकार में कोई फर्क नहीं है. मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कुछ नहीं किया. अन्ना ने कहा उनके आंदोलन में शामिल होने वालों को शपथ-पत्र देना होगा कि वे किसी पार्टी या पक्ष में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ उसी तरह का जन-उभार देखना चाहता हूं, जैसा साल 2012-13 में यूपीए की सरकार के दौरान दिखा था.
अन्ना का इस बार का मुद्दा न भ्रष्टाचार के साथ, किसानों से जुड़ा मामला भी होगा. अन्ना ने कहा कि देश के लोगों के साथ मोदी सरकार ने धोखा कर रही है. ऐसे में भोले नागरीक प्रधानमंत्री की बातों में किस प्रकार विश्वास करेगा. उन्होंने एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा कि एशिया में भ्रष्ट देशों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है. अब मेरा पीएम के वादों से भरोसा उठ गया है. हजारे का कहना है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया है. धीरे-धीरे उनका पीएम मोदी के शब्दों पर से विश्वास उठता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम ने लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति में कोई रुझान नहीं दिखाया है.
बता दें कि इससे पहले अन्ना ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी कि अगर देश में लोकपाल नहीं लाया गया तो वह फिर से आंदोलन करेंगे. केंद्र में बीजेपी की सरकार बने हुए तीन साल हो गए और अभी तक लोकपाल नहीं लाया गया है. अन्ना ने लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करते हुए पहले जंतर मंतर और बाद में रामलीला मैदान में अनशन के जरिए पूरे देश की राजनीतिक चेतना को झकझोर कर यूपीए सरकार की ताबूत में आखिरी कील ठोंक देने का काम किया था. अन्ना ने कहा कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती तो इसी साल के आखिरी या अगले साल की शुरुआत में आंदोलन करूंगा. अन्ना हजारे ने कहा कि मैं कभी ना हारा हूं और ना हारूंगा, जबतक मेरे शरीर में प्राण है लड़ता रहूंगा. दिल्ली में एक बार फिर आंदोलन करूंगा.