नई दिल्ली: पटना विश्वविद्यालय के सौ साल पूरे हो गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि बिहार के लोगों ने मां सरस्वती की सेवा में खुद को खपा दिया है. पीएम ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय और नालंदा को भला कौन भूल सकता है. पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी के अवसर पर आज हम आपको उसके स्वर्णिम इतिहास के बार में बताएंगे. यह विश्वविद्यालय 1 अक्टूबर 1917 को अपने स्वरूप में आया. फिलहाल सत्य पाल मलिक यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं और प्रोफेसर राश बिहारी वाइस चांसलर हैं. अपने सौ साल के सफर में पटना यूनिवर्सिटी ने देश को एक से बढ़ कर एक छात्र दिए. चाहे वो राजनीति हो या फिर कोई और क्षेत्र.
पटना विश्वविद्यालय की बात हो और जय प्रकाश नारायण की बात ना हो. जय प्रकाश नारायण को भला कौन भूल सकता है. वे भी इसी यूनिवर्सिटी के छात्र रहे और आगे चलकर स्वतंत्रता सेनानी बने. कवि रामधारी सिंह दिनकर की भी शिक्षा-दीक्षा इसी विश्वविद्यालय से हुई. अब बात करते हैं वर्तमान में बिहार के दो बड़े नेता लालू प्रसाद यादव और बिहार के वर्तमान सीएम नीतीश कुमार की, तो इन दोनों की शिक्षा इसी विश्वविद्यालय से हुई है. बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई किए थे. वर्तमान में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़े हुए हैं. इस तरह से पटना विश्वविद्यालय से ऐसी कई हस्तियां निकली.
विश्वविद्याल में इन चुनिंदा हस्तियों ने की पढ़ाई
– जयप्रकाश नरायण, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
– श्रीकृष्ण सिंह, बिहार के पहले मुख्यमंत्री
– अनुग्रह नरायण सिंह, बिहार के पहले उम मुख्यमंत्री
– रामधारी सिंह दिनकर– कवि
– भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा, सुप्रीम कोर्ट के 6वें चीफ जस्टिस
– चंद्र शेखर सिंह, पूर्व सीएम, बिहार
– इंद्रदीप सिन्हा, इकोनॉमिस्ट, लेखक,
– रविशंकर प्रसाद, वर्तमान केंद्रीय मंत्री,
– लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएण, बिहार
– नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
– एचसी वर्मा, भौतिक शास्त्री
– वशिष्ठ नरायण सिंह, गणितज्ञ
– आनंद कुमार, गणितज्ञ (सुपर 30)
– नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री