नई दिल्ली: रोहिंग्या मुसलमान देश में रहेंगे या फिर उन्हें म्यांमार भेजा जाएगा, इसे लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहिंग्या मामला मानवता का बड़ा मुद्दा है, लेकिन देश की सुरक्षा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं लेगा. इसके साथ ही कोर्ट बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर भी विचार करेगा. कोर्ट ने सभी पक्षों को बहस का और वक्त देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 नवंबर को तय की है. कोर्ट ने केन्द्र को ये निर्देश दिया कि वो अगली सुनवाई तक रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर नहीं निकालें.
दरअसल म्यांमार में भड़की हिंसा के बाद रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत और बांग्लादेश का रुख करना शुरू किया था. पहाड़ों और नदियों के रास्ते ये लोग भारत में घुस आए थे. फिलहाल देश में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं. केन्द्र सरकार ने इन्हें अवैध प्रवासी मानते हुए वापस म्यांमार भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी. इस पर दो रोहिंग्या मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों का यहां रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इनके पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं.
बता दें कि रोहिंग्या मुसलमानों को उनके देश म्यांमार वापस भेजने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध नजर आ रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार रोहिंग्या को भारत में घुसने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रोहिंग्या से देश की सुरक्षा को खतरा बताया है. म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हो रहे सैन्य कार्रवाई के चलते रोहिंग्या वहां से भागकर बांग्लादेश और भारत में शरण ले रहे हैं. अभी भी भारत में रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन जारी है. यही वजह है कि सरकार ने इन्हें भारत में आने से रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए हैं.
बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए तटरक्षक बलों ने पेट्रोलिंग टीम्स बनाई हैं. तटरक्षक बलों ने समुद्री क्षेत्र से रोहिंग्या के प्रवेश को रोकने के लिए एंंट्री प्वाइंट को सील कर दिया है. तटरक्षक डोर्नियर विमान और हुवरक्राफ्ट बांग्लादेश से लगे समुद्री सीमा पर पेट्रोलिंग कर रही है, ताकि रोहिंग्या के भारत में प्रवेश को रोका जा सके.