मेट्रो किराया वृद्धि की जांच पर CM केजरीवाल का आदेश मानने से दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी का इनकार
दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी मामले में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी एमएम कुट्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मेट्रो किराये की बढ़ोतरी को लेकर चीफ सेक्रेटरी एमएम कुट्टी को जांच का आदेश दिया था, मगर अब चीफ सेक्रेटरी ने सीएम के आदेश को मानने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है.
October 13, 2017 3:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी मामले में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी एमएम कुट्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मेट्रो किराये की बढ़ोतरी को लेकर चीफ सेक्रेटरी एमएम कुट्टी को जांच का आदेश दिया था, मगर अब चीफ सेक्रेटरी ने सीएम के आदेश को मानने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है.
देश की लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री का आदेश मानने से उस राज्य के चीफ सेक्रेटरी ने इनकार कर दिया हो. बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ाए जाने का विरोध किया था, ताकि लोगों को इस मेट्रो फेयर हाइक से राहत मिल सके. मगर जिस तरह से चीफ सेक्रेटरी ने मुख्यमंत्री का आदेश मानने से इनकार कर दिया है, उससे अब आशंका जताई जा रही है कि एक बार फिर से दिल्ली की सियासत में कुछ हलचल मच सकती है.
शुक्रवार की दोपहर चीफ सेक्रेटरी ने पहले जांच के आदेश को मानने से इनकार कर दिया. मगर बाद में जब शाम में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चीफ सेक्रेट्री को अपने आवास पर बुलाया तो मुख्यमंत्री के सामने ही चीफ सेक्रेटरी ने जांच के आदेश को मानने से इनकार कर दिया.
सूत्रों की मानें तो अब सरकार ये मान रही है कि इस तरह के नौकरशाहों ने मेट्रो किराये की बढ़ोतरी के विरोध में दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को बोर्ड की मीटिंग में सही से नहीं रखा. दिल्ली सरकार का ये मान रही है कि मेट्रो किराये पर केजरीवाल सरकार के रूख को ऐसे नौकरशाहों ने बोर्ड के सामने रखा ही नहीं. मेट्रो किराये में बढ़ोतरी दिल्ली के लोगों के लिए एक वित्तीय झटका है और इससे मेट्रो की सवारी करने वालों में भी कमी आई है.
अब उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली सरकार ऐसे नौकरशाहों के से निपटने के लिए प्रशासनिक विकल्पों पर ध्यान देगी. सूत्रों की मानें तो आप सरकार इसके पीछे बीजेपी की भी साजिश बता रही है. उनका मानना है कि इसके चीफ सेक्रेटरी के इस कदम के पीछे बीजेपी का भी हाथ हो सकता है.
सरकार ने चीफ सेक्रेट्री के इस व्यवहार को असंवैधानिक और गैर लोकतांत्रिक करार दिया है. बता दें कि इससे पहले मेट्रो किराये की बढ़ोतरी को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार 50-50 मॉडल का प्रस्ताव रखा था. मतलब कि मेट्रो किराये को बढ़ने से रोकने के लिए 50 फीसदी पैसा केंद्र दे और 50 फीसदी पैसा दिल्ली सरकार देगी.