दिल्ली NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक के खिलाफ SC पहुंचे पटाखा विक्रेता

पटाखा विक्रेताओं ने गुहार लगाई है कि कोर्ट रोक के आदेश में संशोधन करें. विक्रेताओं ने कोर्ट में याचिका कर रोक के आदेश के संशोधन की मांग की है.

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दिल्ली NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक के खिलाफ SC पहुंचे पटाखा विक्रेता

Admin

  • October 11, 2017 6:01 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : दिवाली के मौके पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री के खिलाफ पटाखा विक्रेता सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं. विक्रेताओं ने गुहार लगाई है कि कोर्ट रोक के आदेश में संशोधन करें. विक्रेताओं ने कोर्ट में याचिका कर रोक के आदेश के संशोधन की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जिनको लाइसेंस दिए गए उन्होंने काफी पटाखे खरीदे हैं. बैन की वजह से उन्हें भारी नुकसान हो्गा, इसलिए ये रोक हटाई जाए. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को कर सकता है. इससे पहले 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी. कोर्ट के इस फैसले के बाद दिवाली में दिल्ली और NCR इस बार पटाखे नहीं बिकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर रोक 1 नवंबर तक रहेगी, उसके बाद व्यापारी अपने पटाखे बेच सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि दीवाली पर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से हवा की गुणवत्ता पर कुछ असर पड़ता भी है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पटाखा विक्रेताओं के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
 
इससे पहले 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR में पटाखे की बिक्री पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है. कोर्ट ये भी तय करेगा कि क्या वो अपने उस आदेश में संसोधन करे या नही जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली और एनसीआर में केवल 50 लाख किलो पटाखें बिक सकते है साथ ही दिल्ली और एनसीआर में किसी भी दूसरे राज्य से पटाखें नही लाये जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ये भी तय करेगा कि क्या पटाखों के लाइसेंस की संख्या में बढ़ोतरी की जाए या नही या फिर अस्थायी लाइसेंस होल्डर को पटाखें बेचने की इजाजत दी जाए या नहीं. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान पटाखा व्यपारियों की तरफ से कहा गया कि कोर्ट उनकी अर्जी पर विचार करे जिसमें उन्होंने कोर्ट के उस आदेश में संशोधन की मांग कि है. जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली और एनसीआर में केवल 50 लाख किलो पटाखें बेचे जा सके है और दिल्ली और एनसीआर में किसी भी दूसरे राज्य से पटाखें नही लाये जाएंगे.
 
पटाखा व्यपारियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 50 लाख किलो पटाखें, दिल्ली और एनसीआर की आबादी के केवल 10 फीसदी के लिए ही जो पाएंगे ऐसे में दूसरे राज्यो से पटाखें लाने की इजाजत दी जाए. व्यपारियों ने ये भी दलील दी कि उनके गोदाम नियम के मुताबिक दिल्ली के बाहर है ऐसे में एनसीआर से पटाखें दिल्ली लाने की इजाजत दी जाए. अस्थायी पटाखा लाइसेंस होल्डर की तरफ से दलील की गई कि वो पिछले 40 सालों से व्यापार कर रहे है और कोर्ट के आदेश के बाद उनका धंधा चौपट हो गया है. इस किये कुछ दिनों के लिए ही सही उन्हें अस्थायी दुकान लगाने की इजाजत दी जाए. पटाखा व्यपारियों की तरफ से दलील की गई कि दीवाली के बाद बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए केवल पटाखें जिम्मेदार नही है बल्कि इसकी मुख्य वजह किसानों द्वारा पराई जलाना और दिल्ली एनसीआर में बढ़ता ट्रैफिक है.
 
वही याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई कि पिछली दीपावली के बाद पटाखों की वजह से जैसी धुंध छाई थी इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ था. पहाड़ी इलाकों में धूम्रपान करने वाले 52 साल के आदमी के फेफड़ो से ज्यादा दिल्ली में बिना धूम्रपान करने वाले का फेफड़ा प्रदूषण की वजह से काला होता है. दिल्ली संसार के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. ऐसे में कोर्ट पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाये.  इससे पहले जस्टिस मदन बी लोकुर ने सुनवाई से खुद को अलग कर मामले की सुनवाई के लिए दूसरी बेंच बनाने के लिए चीफ जस्टिस के पास भेजा था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ हटाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा थी कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री के लिए पुलिस की निगरानी में लाइसेंस दिए जाएं. ज्यादा से ज्यादा 500 अस्थाई लाइसेंस ही दिए जा सकेंगे. SC ने कहा है कि 2016 में दिए गए लाइसेंस में से 50 फीसदी को ही इसबार लाइसेंस दिया जाएं.

 

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