पटना : केंद्र सरकार की राज्य सरकारों से पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने की अपील के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया है. इसके अलावा नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से पेट्रोल और डीजल का बेस प्राइस घटाने की अपील की है. उनका मानना है कि बेस प्राइस घटने से VAT अपने आप घट जाएगा और दाम में कमी आ जाएगी. नीतीश कुमार का मानना है कि बिहार में बेस प्राइस ज्यादा है. नीतीश के अनुसरा बिहार में पेट्रोल और डीजल का बेस प्राइस झारखंड से भी ज्यादा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में करीब 56 रुपये पेट्रोल का बेस प्राइस है, जबकि झारखंड में 51 रुपये बेस प्राइस है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के बेस प्राइस को री-कैल्कुलेट करने की आवश्यकता है.
नीतीश ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले कई तरह के टैक्स भी खत्म हुए हैं. बिहार में पेट्रोल पर 26% और डीजल पर 19% टैक्स लगता है. उन्होंने कहा कि बिहार एक-दो राज्यों को छोड़ कर लोएस्ट (निम्नतम) वैट वाला राज्य है. बिहार सरकार ने पहले भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स को कम किया था, जिससे ये सस्ते हुए थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पाइपलाइन के जरिये लोगों को घरेलू गैस देने की योजना है. पिछले दिनों केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ज्यादा-से-ज्यादा शहरों और सभी लोगों को इससे जोड़ने की मांग की गयी है.
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी राज्यों से ईंधन पर स्थानीय कर घटाने के लिए कहा था. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी राज्यों से अपील की थी कि वो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला वैट टैक्स 5 फीसदी तक कम करें। जिसके बाद चुनाव के लिए तैयार गुजरात में इस पर वैट की दरें कम की गई हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क कम किया था.
बता दें कि गुजरात सरकार ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को 4 फीसदी तक घटा दिया है जिससे पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमत में काफी कमी आ गई है. इसके बाद, पेट्रोल की कीमत 2.93 रुपए प्रति लीटर और डीजल 2.7 रुपए प्रति लीटर नीचे आ गई है.