नई दिल्ली : आज से दिल्ली मेट्रो में किराया बढ़ गया है. किराये में बढ़ोतरी के मुद्दे पर डीएमआरसी के चेयरमैन की ओर से सोमवार को बुलाई गई आपात बैठक में यह फैसला हुआ. बैठक में डीएमआरसी ने किराया बढ़ोत्तरी के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. डीएमआरसी की ओर से कहा गया कि उनके पास फेयर फिक्सेशन कमेटी (एफएफसी) की सिफारिश में बदलाव का अधिकार नहीं है. मंगलवार को हुई डीएमआरसी की आपात बैठक में किराया बढ़ोतरी वापसी के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. सोमवार को मेट्रो के बढ़ते किराये को लेकर दिल्ली विधानसभा में भी काफी चर्चा की गई. इस बाबत दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र को एक पत्र भी लिखा गया है. शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने भी सोमवार को आपात बैठक बुलाई थी. फिलहाल इस बैठक में किराया बढ़ोतरी वापसी को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकला. दरअसल मेट्रो किराये को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार में चल रहे टकराव के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सभी सुझावों को नियमों के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया.
केजरीवाल सरकार इस किराये बढ़ोतरी का विरोध कर रही है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार को किराया बढ़ोतरी के बोझ पर आधी-आधी भरपाई का सुझाव दे चुके हैं. केजरीवाल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को चिट्ठी लिखकर 6 महीने में दो बार किराया बढ़ोतरी को जनता के साथ अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी. इस चर्चा में केंद्र सरकार से घाटा बराबर बांटने का प्रस्ताव भी रखा गया. दिल्ली सरकार ने शहरी विकास मंत्रालय की ओर से 3000 करोड़ रुपये के घाटे के मामले पर 1500 करोड़ रुपये देने का भी प्रस्ताव रखा. केजरीवाल ने केंद्र को सुझाव दिया था कि वह चाहें तो मेट्रो को दिल्ली सरकार के हवाले कर सकते हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दिल्ली सरकार चाहे तो नई मेट्रो पॉलिसी के तहत दिल्ली मेट्रो का प्रस्तावित फेज-4 खुद टेकओवर कर सकती है. इस स्थिति में केंद्र सरकार प्रोजेक्ट में मदद के तौर पर 10 फीसदी सहायता राशि देने को तैयार है.
बता दें कि सीएम केजरीवाल ने कोलकाता मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार कोलकाता मेट्रो की क्षति की पूरी भरपाई खुद कर रही है तो दिल्ली मेट्रो के लिए आधा भार क्यों नहीं उठा सकती. सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘मेट्रो किराया बढ़ोतरी टालने के लिए दिल्ली सरकार नुकसान का 50 प्रतिशत देने के लिए तैयार है, बराबर की हिस्सेदारी के कारण केंद्र सरकार भी 50 प्रतिशत नुकसान की भरपाई करे.’ बता दें कि 10 अक्टूबर से दिल्ली मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी प्रस्तावित है. दिल्ली मेट्रो के प्रस्ताव के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो में किराया न्यूनतम 10 रुपये से लेकर अधिकतम 60 रुपये किया जाएगा, जबकि अभी ये न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये है. इसी साल मई में भी मेट्रो का किराया बढ़ाया गया था. मई की बढ़ोतरी से पहले मेट्रो का किराया न्यूनतम 8 रुपये और अधिकतम 30 रुपये था.