SC ने जेपी इंफ्रा को रजिस्ट्री में 2000 करोड़ जमा कराने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपने आदेश में कोई संशोधन नही करेंगे जिसमें कोर्ट ने जेपी इंफ़्रा को 2000 करोड़ जमा कराने के आदेश दिए थे.

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SC ने जेपी इंफ्रा को रजिस्ट्री में 2000 करोड़ जमा कराने का दिया आदेश

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  • October 9, 2017 7:30 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ़्रा को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने जेपी इंफ़्रा की उस अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि इतने बड़ी रकम को जमा करने की जरूरत नही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपने आदेश में कोई संशोधन नही करेंगे जिसमें कोर्ट ने जेपी इंफ़्रा को 2000 करोड़ जमा कराने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेपी इंफ़्रा फ्लैट खरीदारों की देनदारी से बच नही सकता है. 27 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी. 11 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपये अपनी रजिस्ट्री में जमा कराने को भी कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 4 सितंबर को एनसीएलटी में जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
 
इससे पहले 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर केलिप्सो कोर्ट प्रोजेक्ट में फ्लैट देने में हो रही देरी को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कही. जेपी एसोसिएट ने एनसीडीआरसी के आदेश को सुप्रीम में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों की परेशानी पर चिंता जताते हुए कहा कि हम बिल्डर को मनमानी करने की इजाजत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने केलिप्सो कोर्ट प्रोजेक्ट में फ्लैट देने में हो रही देरी पर जेपी एसोसिएट को 10 फ्लैट खरीदारों को पांच-पांच लाख रुपये देने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जेपी एसोसिएट द्वारा एनसीडीआरसी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है.
 
  
वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान जेपी एसोसिएट की तरफ से दलील दी गई कि कंपनी को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा रकम निकालने की इजाजत दी जाए कि वो आदेश के मुताबिक पैसा दे सके. लेकिन कोर्ट ने दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई झेल रही कंपनी को मुआवजा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा रकम निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. दरअसल फ्लैट देने में हो रही देरी पर आयोग ने जेपी पर 12 फीसदी प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना लगाया था. पिछले साल जुलाई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आदेश के अुनपालन पर रोक लगा दी थी. यह आदेश इस शर्त पर था कि कंपनी चार करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराएगी. 

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