विश्व डाक दिवस 2017: जानें क्या है इतिहास, क्यों मनाया जाता है विश्व डाक दिवस

हर साल 9 अक्टूबर को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से विश्व डाक दिवस (World Postal Day) मनाया जाता है. विश्व डाक दिवस मनाने का उद्देश्य ग्राहकों को डाक विभाग के बारे में जानकारी देना

Advertisement
विश्व डाक दिवस 2017: जानें क्या है इतिहास, क्यों मनाया जाता है विश्व डाक दिवस

Admin

  • October 9, 2017 5:30 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: हर साल 9 अक्टूबर को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से विश्व डाक दिवस (World Postal Day) मनाया जाता है. विश्व डाक दिवस मनाने का उद्देश्य ग्राहकों को डाक विभाग के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना होता है. भारत 1 जुलाई, 1876 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना. सदस्यता लेने वाला भारत एशिया का पहला देश था. भारत सरकार ने डाक के लिए बकायदा एक विभाग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1854 में हुई. फिलहाल की स्थिति में डाकघरों में पोस्टल सेवाओं के साथ-साथ बैंकिंग, वित्तीय व बीमा सेवाएं भी उपलब्ध हैं. डाक विभाग देश के कोने-कोने में अपनी सेवाएं उपलब्ध कर रहा है.
 
क्या है राष्ट्रीय डाक सप्ताह
भारतीय डाक विभाग के अनुसार 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाया जाता है. सप्ताह के हर दिन अलग-अलग दिवस मनाए जाते हैं. 6 दिन तक चलने वाले इस डाक सप्ताह को हर दिन अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. 10 अक्टूबर को सेविंग बैंक दिवस, 11 अक्टूबर को मेल दिवस, 12 अक्टूबर को डाक टिकट संग्रह दिवस, 13 अक्टूबर को व्यापार दिवस तथा 14 अक्टूबर को बीमा दिवस मनाया जाता है. इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को डाक बचत योजना के बारे में पूरी जानकारी देने है, जिसमें ग्राहकों के लिए बचत योजना लाभदायक है. 
 
 
क्या है इतिहास
डाक के इतिहास की बात करे तो इसको शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन को सहज बनाने के लिए 9 अक्टूबर, 1874 को जनरल पोस्टल यूनियन के गठन के लिए स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था. यही वजह है कि 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है. हालांकि यह संधि 1 जुलाई 1875 को अस्तित्व में आई. 1 अप्रैल, 1879 को जनरल पोस्टल यूनियन का नाम बदलकर यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कर दिया गया.
 

Tags

Advertisement