शहीद सैनिकों के शवों के साथ ऐसा व्यवहार देख भड़के यूजर्स, बोले- हम किस प्रकार के राष्ट्रवादी हैं

देश की सीमा पर खड़ा सैनिक सर्दी हो या गर्मी हर मौसम से लड़ते हुए बाहरी दुश्मनों से देश की रक्षा करता है. ये सैनिक ही होते हैं जिनकी वजह से हम चैन की नींद सो पाते हैं. यही वजह है कि सैनिक जब शहीद होते हैं तो उनके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ तिरंगे में लपेटकर अंतिम विदाई दी जाती है. मगर जब देश की आन, बान और सान की लाज रखने वाले सैनिक के शव का अपमान किया जाएगा तो गुस्सा आएगा ही

Advertisement
शहीद सैनिकों के शवों के साथ ऐसा व्यवहार देख भड़के यूजर्स, बोले- हम किस प्रकार के राष्ट्रवादी हैं

Admin

  • October 8, 2017 12:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. देश की सीमा पर खड़ा सैनिक सर्दी हो या गर्मी हर मौसम से लड़ते हुए बाहरी दुश्मनों से देश की रक्षा करता है. ये सैनिक ही होते हैं जिनकी वजह से हम चैन की नींद सो पाते हैं. यही वजह है कि सैनिक जब शहीद होते हैं तो उनके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ तिरंगे में लपेटकर अंतिम विदाई दी जाती है. मगर जब देश की आन, बान और सान की लाज रखने वाले सैनिक के शव का अपमान किया जाएगा तो गुस्सा आएगा ही.
 
दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है, जिनमें कुछ शहीद जवानों के शवों को लकड़ी और कागज के कार्डबोर्ड वाले डिब्बे में लपेटकर घर पहुंचाया गया है. इन तस्वीरों को देख लोगों का गुस्सा फूट रहा है. इन तस्वीरों को लेफ्टिनेंट एचएस पनाग ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि- कल अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करते हुए सात जवान शहीद हो गए. देखिए कैसे उन्हें घर लाया गया है. 
जैसे ही ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड की गईं, लोगों का गुस्सा सरकार और अधिकारियों पर फूटने लगा. कई ट्विटर यूजर इन तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं और इन तस्वीरों पर गहरी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. ट्विटर पर लगातार इस घटना की लोग निंदा कर रहे हैं और इसे काफी शर्मनाक बता रहे हैं. 
 
इस पोस्ट को शेयर कर वरीष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने लिखा कि- शर्मनाक. हम इस तरह अपने सैनिकों के शवों के साथ व्यवहार करते हैं. हम किस प्रकार के राष्ट्रवादी हैं. ट्विटर पर सैकत दत्ता ने कहा कि राष्ट्रवादी भारत में जो सैनिक देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाते हैं उन्हें इस प्रकार घर वापस लाया जाता है. काफी शर्मनाक. 
इतना ही नहीं, जो भी इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर देख रहे हैं, उनका खून खौल जा रहा है. लोग इन तस्वीरों को देखते ही शेयर कर रहे हैं और शर्मनाक बताते हुए प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.  
एक और किसान भाई ट्विटर हैंडल ने लिखा कि- जिस देश में जिंदा सैनिकों के खाना मांगने पर उन्हें सेना से निकाल दिया जाता है, और एक सैनिक के पिता अखलाक के हत्यारे को तिरंगे में लपेटा जाता है. उस देश में ऐसा ही होता है.
ट्विटर पर इश्तियाक खान ने लिखा कि यह बहुत ही शर्मनाक और बेहूदा है. आम नागरिक की तो छोड़ो, कम से कम राष्ट्रीय हीरो इस तरह के व्यवहार के हकदार नहीं हैं.
वीडियो- 

वीडियो- 

 

Tags

Advertisement