नई दिल्ली: आज करवा चौथ का त्योहार है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना गया है. करवा चौथ के दिन सभी सुहागन महिलाएं करवा चौथ व्रत पर कथा और उसकी पूरी पूजा विधि करके अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखकर रात को चांद देखने के बाद ही अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं.
सुहागन महिलाएं इस व्रत पर कथा और उसकी पूरी पूजा विधि करके अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. करवा चौथ का यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर रात में चांद दिखते ही अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं. महिलाओं का यह व्रत सुबह ब्रह्ममुहूर्त से शुरू होकर रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर संपूर्ण होता है. महिलाएं व्रत रखकर करवा चौथ से सम्बंधित कथा सुनती और सुनाती भी हैं तथा रात में चंद्रोदय होने पर उसकी पूजा-अर्चना कर पति के हाथों से पानी का घूंट पीकर अपना उपवास पूरा करती हैं.
क्या आप जानते हैं कि पूरा दिन बिना कुछ खाए और बिना पानी पिए रहना कितना मुश्किल होता है. यह एक कठोर निर्जल व्रत होता है. लेकिन आज हम आपको करवा चौथ के व्रत के लिए टिप्स बताने जा रहे हैं. इन टिप्स को अपनाकर आप कठिन करवा चौथ के व्रत को भी आसानी से कर सकती हैं.
करवा चौथ का व्रत एक निर्जला व्रत होता है यानि इस व्रत खाने के साथ पानी की एक बूंद भी नहीं पी जाती है और शाम को चांद देखने के बाद ही पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला जाता है. लेकिन पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे आप काफी कमजोरी महसूस करते हैं और करवा चौथ के व्रत वाले दिन बार-बार प्यास लगती है. लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं है. दरअसल, करवा चौथ के व्रत से एक दिन पहले खूब पानी पिना चाहिएं. इसके अलावा आप एक दिन पहले पेय पदार्थ यानि जूस, नारियल पानी, छाछ आदि खूब पीएं. ऐसा करने से आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और आप अगले दिन आराम से व्रत रख सकती हैं.
सेब की खीर
ज्यादातर महिलाओं को सेब पसंद होता है यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. हम आपको बताते हैं कि सेब की खीर बनाने की विधि के बारे में. जिन लोगों को मीठा बिल्कुल पसंद नहीं है, उन्हें भी अगर आप सेब की बनी खीर खिलाएंगी तो यह खीर बहुत पसंद आएगी. बताते कैसे बनती है सेब की खीर.
खीर बनाने की विधि
आप सबसे पहले सेब को छील कर रख लें और घिस कर एक मीडियम साइज पैन में डाल लें. इसके बाद इसमें चीनी डाल कर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि चीनी अच्छे से घुल न जाए. चीनी के घुल जाने के बाद अब उसमें क्रीम और दूध मिलाएं और थोड़ी देर उबलने के लिए छोड़ दें. ये क्रीमी न हो जाए तब तक चलाते रहें . आपकी सेब की खीर तैयार है. इसके बाद खीर में थोड़े ड्राई फ्रूट्स डाल कर खाएं और खिलाएं.
जो महिला करवा चौथ का व्रत करती है वह सूरज के उदय होने से पहले ही नहा लें और संकल्प लें. इसके बाद घरों के बड़ो द्वारा दी गई सरगी खा लें. सरगी में सेंवई, मिठाई, पूड़ी, फल और श्रृंगार का सामान दिया जाता है. ध्यान रहे सरगी में प्याज-लहसून से जुड़ा कोई व्यंजन न हो और उसे खाएं भी नहीं. सरगी के बाद से ही निर्जला व्रत शूरू हो जाता है और इस व्रत में भगवान गणेश, माता पार्वत और शिव शंकर का ध्यान करना चाहिए.
इसके बाद दिवार पर गेरु से फलक बनाएं और पीसे चावल के घोल से करवा बनाएं. यह एक पौराणिक परंपरा है, इसे करवा धरना भी कहा जाता है. इस दिन पूजा के लिए आठ ड़ियों की अठावरी, हलवा और पक्का खाना ही बनाना चाहिए. इसके बाद शाम के समय में पीली मिट्टी से मां गौरी और गणेश जी का स्वरुप बनाएं साथ ही मां गौरी की गोद में भगवान गणेश का स्वरुप बैठाएं और पूजा करें. ध्यान रहे माता गौरी को लकड़ी के सिंहासन पर बैठकर लाल रंग की चुनरी उठाएं. माता गौरी का श्रृंगार सामाग्री से श्रृंगार करें. इसके बाद उनकी मूर्ति के सामने जल से भरा हुआ एक कलश रख दें.
गौरी और गणेश के स्वरुपों की पूजा करें. इसके साथ- नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्… प्रयच्छ भक्तियुक्तनां नारीणां हरवल्लभे. ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में चली आ रही प्रथा के अनुसार ही पूजा करती हैं. इसके बाद शूभ मूहूर्त में करवाचौथ की कहानी सुननी चाहिए. कथा सुनने के बाद घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए. फिर रात में चांद निकलने के बाद छन्नी के सहारे चांद को देखें और अर्ध्य दें. फिर पति के हाथ से पानी का घूंट पीकर अपना उपवास पूरा करें.