केरल लव जिहाद मामले में आया नया मोड़, केरल सरकार ने SC में कहा NIA जांच की जरूरत नही

नई दिल्ली : केरल लव जिहाद मामले में एक नया मोड़ आ गया है. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा है कि इस मामले में NIA जांच की जरूरत नही है. केरल सरकार ने कहा कि इस मामले में हर पहलुओं पर केरल पुलिस की SIT ने जांच की है. केरल सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा कि अखिला का धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने की भी जांच की है. इसके अलावा इस्लाम धर्म स्वीकार के करने के बाद जिन संस्थानों में हदिया ने इस्लाम धर्म की शिक्षा ली उस पहलू की भी जांच की है.
केरल सरकार ने अपने हलफ़नामे में ये भी कहा कि उन सभी लोगों की जानकारी ली जिनसे हदिया ने मुलाकात की और हदिया किन किन जगहों पर लगी उस पहलू की भी जांच की है. हदिया के पति शफ़ीन और उसके पूरे परिवार के बैक ग्राउंड की भी जांच की गई. सुप्रीम कोर्ट 9 अक्तूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा.
वही पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि लडकी 24 साल की है उसे पिता द्वारा नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता ? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस बात को तय करेगा कि केरल हाईकोर्ट हेबियस कारपस की याचिका पर शादी को रद्द कर सकता है. वही हदिया के पति की तरफ से कहा गया था कि बीजेपी के दो मुस्लिम नेताओं ने हिन्दू लड़कियों से शादी की है क्या इसकी भी NIA से जांच कराई जाए.
दरअसल हदिया के पति शफ़ीन जहाँ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA से कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 16 अगस्त को इस मामले की जांच NIA को दी थी. याचिका में पति ने आरोप लगाया है कि लड़की के परिवार वाले लड़की का उत्पीड़न कर रहे है.
याचिका में कहा गया है कि लड़की अखिहला अशोकन वीडियो में कह रही है कि वो मुस्लिम की तरह रहना चाहती है. याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट लड़की के पिता को आदेश दे कि वो लड़की को कोर्ट में पेश करे.
याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने NIA से कहा था कि वह केरल के लव जिहाद मामले की जांच करे. कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन एनआईए जांच की निगरानी करेंगे. लेकिन अब रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन ने इससे इनकार कर दिया है. ऐसे में NIA जांच के आदेश को वापस लेना चाहिए.
इससे पहले, कोर्ट ने एनआईए से मामले में युवक के कथित लिंक के बारे में दस्तावेज मांगे थे. एनआईए की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि उसके पास मामले की छानबीन के संदर्भ में कोई दस्तावेज नहीं है. एनआईए ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो मामले की छानबीन के लिए वह तैयार है.
दरअसल एक मुस्लिम युवक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट यह सुनवाई कर रहा है. हाई कोर्ट ने उसकी शादी को रद्द करते हुए उसे ‘लव जिहाद’ की संज्ञा दी थी, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है. केरल में एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर निकाह हुआ. हाई कोर्ट ने शादी को अवैध करार दिया और इसे लव जिहाद की संज्ञा देते हुए लड़की को उसके घरवालों के पास भेज दिया था.
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