डेढ़ करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारी अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.
एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर और एसी चार्ज वाले रेस्टोरेंट जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते हैं, वित्तमंत्री ने कहा कि रेस्टोरेंट के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया है. अब मालिकों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. यानी अब आपका होटल बिल आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा.
निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफंड की सुविधा दी जाएगी. वित्तमंत्री ने कहा कि निर्यात पर 0.1 प्रतिशत का जीएसटी लागू है.
आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई है. स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 फीसदी से 18 प्रतिशत कर दी गई है. हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है.
नॉन ब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी. यही दर नॉन ब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी लागू होगी.
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है. करीब 27 चीजें पर राहत मिल गई है. अनब्रैंडेड नमकीन पर 12 से 5, खाखड़ा व प्लेन चपाती पर 12 से 5, बच्चों के पैकेज्ड फूड पर 12 से 5, स्लाइ्स ड्राइड मैंगो पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है.
डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाएगा. साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है. आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है.
कारोबारी अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल कर सकेंगे. साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 31 मार्च, 2018 तक स्थगित कर दिया गया है.
सरकार ने रत्न और गहनों को जीएसटी नोटिफिकेशन के दायरे से बाहर कर दिया है. अब इस पर विचार करने के बाद अलग से नोटिफिकेशन लाया जाएगा.