लखनऊ : एक बार फिर से अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है. आगरा के सदर बाजार स्थित तारघर के मैदान में शुरू हुए 10वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को लगातार दूसरी बार निर्विरोध समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया. इस दौरान सपा महासचिव आजम खान, रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, धर्मेंद्र यादव सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे. लकिन सपा के संस्थापक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव मौजूद नहीं थे.
दोबारा अध्यक्ष होने के साथ ही यह बात तय हो गई है कि अगला 2019 लोकसभा और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. वहीं आज राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया. इस मामले में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अताउर्रहमान ने कहा कि इस सम्मेलन के जरिए पार्टी को युवा नेतृत्व मिलने के साथ-साथ पार्टी को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी. साथ ही मौजूदा राजनीतिक स्थिति, केन्द्र सरकार की गलत नीतियों और अन्य ज्वलंत समस्याओं पर भी विचार किया जाएगा.
अताउर्रहमान ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी का खाका भी खींचा जाएगा. मोदी और योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने जो यूपी को विकास की रफ्तार दी थी, उस पर मौजूदा योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है. यह राष्ट्रीय सम्मेलन महज एक दिन का होगा. पहले भी लखनऊ में हुआ राज्य सम्मेलन एक ही दिन का था जिसमें आर्थिक और राजनीतिक प्रस्ताव के जरिये सपा ने केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार के कई मुद्दों पर सवाल खड़े किए थे.
बता दें कि इसके पहले जनवरी, 2017 में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था जिसमें मुलायम सिंह यादव की जगह अखिलेश यादव को सपा का अध्यक्ष बनाया गया था. मुलायम कुनबे में पिछले कई महीनों से कलह चल रही है, जिसके चलते अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच बातचीत भी बंद हो गयी थी. लेकिन अब लगता है कि दुश्मनी की बर्फ अब पिघलने लगी है, तभी तो चाचा शिवपाल ने बुधवार को फोन करके अखिलेश को अग्रिम बधाई दी. तो दूसरी तरफ अखिलेश ने भी कहा कि चाचा शिवपाल का उन पर स्नेह और आशीर्वाद है.