नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बुधवार को अपनी क्रेडिट पॉलिसी में जनता को कोई दिवाली गिफ्ट नहीं दिया. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई. इसमें महंगाई और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया. रेपो रेट 6 फीसदी ही रखा गया है. यानी आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई कम होने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है. गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार से जीएसटी को और अधिक सरल बनाने की अपील की है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इसके सदस्यों ने जीएसटी के क्रियान्वयन पर भी नाखुशी जताई. इस दौरान आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी कोई बदलाव नहीं किया है. यह 4 फीसदी ही रखा गया है. हालांकि समिति ने स्टैच्युअरी लिक्विडिटी रेशियो (SLR) में 50 बेसिक प्वाइंट्स की कटौती की है. SLR वह दर होती है, जिसके आधार पर बैंकों को एक निश्चित फंड रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है. SLR रेट में बदलाव से यह होगा कि अब बैंकों को रिजर्व बैंक के पास कम पैसा रखना होगा.
समिति की बैठक में साफ हुआ कि आरबीआई जीएसटी के क्रियान्वयन से खुश नहीं है. मौद्रिक समिति ने कहा है कि जीएसटी के लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है. इसकी वजह से लघु अवधि में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दिक्कतें पैदा हुई हैं. इससे देश में निवेश की गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा. देश में निवेशक गतिविधियां पहले ही दबाव में है. गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि दूसरी छमाही में यह असर कम होगा और विकास को रफ्तार मिलेगी. पटेल ने कहा कि जीएसटी की वजह से जो दिक्कतें इकोनॉमी के सामने खड़ी हुई हैं, वह जल्द खत्म होंगी.
कर्जमाफी के मुद्दे पर आरबीआई ने कहा है कि किसानों को कर्ज माफी देने से राजकोषीय घाटे पर असर पड़ेगा. बता दें कि पिछले दिनों महंगाई बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे के चलते रेपो रेट की कटौती की संभावना न के बराबर थी. रेपो रेट कम न होने की वजह से आपकी ईएमआई कम नहीं होगी. सस्ते कर्ज के दिवाली तोहफे का इंतजार कर रहे लोगों को निराशा हाथ लगी है. उर्जित पटेल ने राहत पैकेज के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार को राहत पैकेज देने में काफी सतर्कता बरतनी होगी.