नई दिल्ली. देश की गिरती अर्थव्यवस्था, नौकरी की कमी और जीडीपी जैसे मसलों पर पूर्व वित्त मंत्री और अपनी ही पार्टी के नेता यशवंत सिन्हा के आरोपों पर पीएम मोदी ने तीखा वार करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार काफी मजबूत है. साथ ही उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या देश में पहली बार जीडीपी गिरी है.
पीएम मोदी ने कंपनी सेक्रेटरी को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली सरकार में 8 बार जीडीपी की दर 5.7 फीसदी से नीचे गई थी. उन्होंने कहा कि लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि देश ने एक तिमाही में 0.2 फीसदी की विकास दर भी देखी है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में इतनी निराशा भर गई है कि उन्हें विकास होता भी नहीं दिख रहा.
पिछले दिनों यशवंत सिन्हा ने अपने लेख के माध्यम से मोदी सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा था कि दो दशक में पहली बार निवेश इतना कम हुआ और औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. उन्होंने आरोप लगाए थे कि देश में मांग घटने लगी है.
इसके जवाब में बिना किसी का नाम लिए पीएम मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि 1992 से 2014 तक जितना विदेशी निवेश नहीं हुआ, पिछले तीन साल में उससे ज्यादा रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि देश में मांग की कमी नहीं है. मोबाइल की बिक्री 14 फीसदी बढ़ी है.
यशवंत सिन्हा ने ये भी आरोप लगाया था कि मोदी सरकार में कृषि की हालत खस्ताहाल है. विनिर्माण उद्योग मंदी के कगार पर हैं और अन्य सेवा क्षेत्र धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. निर्यात पर बुरा असर पड़ा है.
मगर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हाल के महीनों में ट्रैक्टरों की ब्रिकी में 34 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. पीएम मोदी ने कहा कि 350 का LED बल्ब सिर्फ 45 रुपये में मिल रहे हैं. पिछले तीन साल में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 44 फीसदी इजाफा हुआ. हार्डवेयर क्षेत्र में 53 फीसदी विदेशी निवेश आया है. साथ ही कहा कि पिछली सरकार के आखिरी तीन सालों में काम की रफ्तार और हमारी सरकार के तीन सालों में काम की रफ्तार का फर्क लोगों को साफ नजर आएगा.
यशवंत सिन्हा ने अपने लेख में ये भी कहा था कि अर्थव्यवस्था में नोटबंदी ने आग में घी डालने का और बुरी तरह लागू किए गए जीएसटी से उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है और कई इस वजह से बर्बाद हो गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि यह सरकार के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था कम कैश के साथ चल रही है. नोटबंदी के बाद कैश टू जीडीपी दर अब 9 फीसदी पर आ गया है. नोटबंदी से पहले ये 12 प्रतिशत से ज्यादा हुआ करता था. उन्होंने कहा कि डोकलाम मामले को लेकर भी कुछ लोगों को हताशा हुई. उन्होंने कहा कि निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है.
यशवंत सिन्हा ने का था कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से लाखों लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी है और बाजार में मुश्किल से ही कोई नौकरी पैदा हो रही है.
इसके जवाब में मोदी ने कहा कि जीएसटी से व्यापारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार कदम उठाएगी. व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं है. हम हालात बदलने के लिए कदम उठा रहे हैं. हाल के दिनों में वाहनों की खरीददारी में इजाफा हुआ है. विदेशी रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं. साथ ही नौकरियां बढ़ी हैं. इतना ही नहीं, विदेश जाने वाले लोगों में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है.
जीडीपी और अर्थव्यवस्था को लेकर यशवंत सिन्हा ने कहा था कि वित्त वर्ष की पिछली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर गिर कर 5.7 प्रतिशत हो गई, लेकिन पुरानी गणना के अनुसार यह वास्तव में केवल 3.7 प्रतिशत ही है.
इस मसले पर भी पीएम मोदी ने बिना नाम लिये करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में 8 बार जीडीपी की दर 5.7 परसेंट से नीचे गई थी. उन्होंने कहा कि लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि देश ने एक तिमाही में 0.2 परसेंट की विकास दर भी देख रखी है. पीएम मोदी ने कहा कि यह बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई, लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
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